छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा जिले के परासिया में प्रतिबंधित कोल्डरिफ कफ सिरप के कारण बच्चों की मृत्यु से जुड़े गंभीर और संवेदनशील मामले की त्वरित विवेचना और फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस विभाग ने सख़्त कदम उठाए हैं।
पुलिस उप महानिरीक्षक छिंदवाड़ा जोन राकेश कुमार सिंह ने फरार दवा निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरर के संचालक रंगनाथन की गिरफ्तारी या गिरफ्तारी कराने वाले व्यक्ति को बीस हजार रुपये का नगद इनाम देने की उद्घोषणा की है।
गौरतलब है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) जोन जबलपुर प्रमोद वर्मा ने मामले की विवेचना के लिए विशेष एसआईटी टीम गठित की है। एसडीओपी जितेन्द्र जाट को इस टीम के नेतृत्व में विधिवत साक्ष्य संकलन और चालानी कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
बीएमओ सीएचसी परासिया डॉ. अंकित सहलाम द्वारा प्रस्तुत आवेदन के आधार पर, यह पुष्टि हुई कि औषधि कोल्ड्रिफ में विषैला मिलावटी पदार्थ डाई ईथीलीन ग्लाइकोल पाया गया।
इस संबंध में थाना परासिया में दिनांक 05 अक्टूबर को धारा 105, 276 बी.एन.एस. (भारतीय न्याय संहिता), और 27(ए) औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली तमिल नाडु की श्रीसन कंपनी के संचालक के विरुद्ध वहां का खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) विभाग कोर्ट में आपराधिक आरोप पत्र प्रस्तुत करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 17 ए के उल्लंघन पर कम से 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये अर्थदंड की सजा हो सकती है।
औषधि निरीक्षक के माध्यम से एक अलग कारण बताओ नोटिस जारी कर निर्माता के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई है। अभी कंपनी बंद है, इसलिए सात अक्टूबर को विनिर्माण संयंत्र के दरवाजों पर कारण बताओ नोटिस चिपका दिया गया।
कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन के आवास पर भी ताला लगा है। कंपनी का विनिर्माण लाइसेंस समाप्त करने की प्रक्रिया भी चल रही है। नोटिस में पांच दिन की मोहलत दी गई है। 12 अक्टूबर तक कंपनी की ओर से जवाब नहीं मिला तो, लाइसेंस समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी।