छिंदवाड़ा। किशोर न्याय बालको की देखरेख संरक्षण अधिनियम 2015 के प्रचार प्रसार के लिए स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए शासकीय माध्यमिक शाला बीसापुर में कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर किशोर न्याय बोर्ड व सीसीएफ के सदस्य श्यामल राव, प्राचार्य बीएस उइके, प्रधान पाठक आरएल जांगडे शिक्षक जीपी रत्ने, सोनम सूर्यवंशी, सुशीला दाड़े, डीआर बुनकर उपस्थित थे। इस अवसर पर श्यामल राव ने उपस्थित छात्र, छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को अपने अधिकारों और संरक्षण के विषय मे पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी है, जिससे वे अपने स्वयं की सुरक्षा के साथ साथ अन्य बालको का भी संरक्षण कर सकें। 20नवंबर 1954 के दिन बालको को महत्वपूर्ण चार अधिकारों के अंतर्गत जीवन जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, सहभागिता का अधिकार प्राप्त है। ये जानना सभी के लिए आवश्यक है। साथ ही छात्रों को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पाक्सो एक्ट की जानकारी ही बचाव है, उलंघन की श्रेणी में शोषण का अर्थ शारीरिक शोषण एक बच्चे को शारिरिक रूप से चोट पहुंचाना। भावनात्मक शोषण, शाब्दिक शोषण, मानसिक शोषण, उपेक्षा बच्चो की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असफल, यौन शोषण- एक बच्चे के साथ अनुचित यौन व्यवहार जैसे प्रकरणों को समझने की आवश्यकता है। कोई घटना स्वंय के साथ घटे जिसकी सूचना नजदीकी थाना व प्राचार्य अवश्य देने की अपील की।छात्रो की किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन भोपाल के टोल फ्री नंबर 18003090404, महिला हेल्पलाइन 1090 एवं डायल 100, 1098 व महिला थाना पुलिस से मदद निडर होकर लें और हमें सजग रहकर किसी भी घटना की सूचना दें।