नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा। जहरीले सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले ने पूरे प्रदेश और देश को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन की लापरवाही भी खुल कर सामने आ गई है। हैरानी की बात ये है कि अंतिम संस्कार से पहले इन सभी बच्चों में से किसी का भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। जिसके बाद जिले के मोक्ष धाम से पोस्टमार्टम के लिए एक 2 साल की बच्ची का शव कब्र से निकलवाया गया।
गौरतलब है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन के बाद 2 साल की योगिता ठाकरे को यूरिन में प्राब्लम हुई थी और उसे नागपुर के गणेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई थी। उसी दिन शाम को स्वजनों ने बच्ची का अंतिम संस्कार (दफन) कर दिया था। विवाद बढ़ा तो रविवार को प्रशासन की मौजूदगी में योगिता का शव कब्र से बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम से लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
योगिता ठाकरे के दादा लेखराम ठाकरे ने बताया कि "अपनी पोती को नागपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन छिंदवाड़ा के मेडिकल आफिसर ने उन्हें फोन करके कहा कि आप निजी अस्पताल में नहीं सरकारी अस्पताल में इलाज कराओ, तो आपको सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इसलिए उन्होंने नागपुर के सरकारी अस्पताल में उसे शिफ्ट कर दिया था, लेकिन पोती की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई और आखिरकार शनिवार को वह सबको छोड़कर चली गई।
एडीएम धीरेंद्र सिंह ने बताया कि "14 लोगों को मुख्यमंत्री द्वारा घोषित की गई 4-4 लाख रुपए की सहायता राशि दी गई है। जिसमें 11 बच्चे परासिया के 2 बच्चे छिंदवाड़ा और एक चौरई का है। जबकि अभी 8 बच्चे एडमिट हैं। जिनमें 4 सरकारी अस्पताल में 1 एम्स है, जबकि 3 निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। अभी तक इस मामले की बात करें तो 22 सितंबर को सबसे ये मामले सामने आया था।
जहां छिंदवाड़ा के परासिया विकासखंड में मामलू सर्दी जुकाम और बुखार के बाद बच्चों का इलाज कराया गया। जहां कुछ वक्त के बाद उनमें किडनी इंफेक्शन की समस्या आई। छिंदवाड़ा के बाद इन बच्चों को नागपुर में भर्ती कराया गया। जहां जांच में किडनी इंफेक्शन होने की बात सामने आई थी।
पहले तीन फिर यह संख्या बढ़ते-बढ़ते 9 पहुंची, इसके बाद शनिवार रात 10 बच्चों की मौत की जानकारी आई। वहीं रविवार यानि 5 अक्टूबर को एडीएम ने 14 बच्चों के मौत की पुष्टि की। मामले में अभी तक कोलड्रिफ और नेक्सट्रो डीएस सिरप को बैन कर दिया गया है।वहीं दिल्ली से इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की टीम दो बार छिंदवाड़ा आकर पानी खाना-पीना सहित सिरप के सैंपल लेकर गई है।
मामले में पुलिस ने आरोपित डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया है। मामला दर्ज होने से बाद डॉ. प्रवीण सोनी को सस्पेंड कर दिया गया है। डॉक्टर की क्लिनिक के पास ही उनकी पत्नी मेडिकल स्टोर चलाती हैं। जहां से दवाएं खरीदी गई थीं। सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन और डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ परासिया थाने में 3 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया है। बीएनएस की धारा 276, दवा में मिलावट मामले में 1 साल की सजा हो सकती है। वहीं, बीएनएस की धारा 105 में कल्पेबल होमीसाइड मामले में 10 साल की सजा दी जा सकती है।
ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 27 ए मिलावटी ड्रग से मौत के मामले में 10 साल से अधिक या आजीवन जेल की सजा हो सकती है। कोल्ड्रिफ कफ सिरप तमिलनाडु की कंपनी श्रीसन बनाती है, जिसकी फैक्ट्री कांचीपुरम में है। छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरों के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने तमिलनाडु से कोल्ड्रिफ की जांच करने को कहा था। जांच में कोल्ड्रिफ सिरप को नाट आफ स्टैंडर्ड क्वालिटी यानी घटिया क्वालिटी का करार दिया गया। कोल्ड्रिफ में 48.6 फीसदी डाय-इथिलीन ग्लाइकाल मिला जो जहरीला पदार्थ है और इससे किडनी खराब हो सकती है।
तमिलनाडु सरकार की रिपोर्ट मिलते ही मध्यप्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ पर बैन लगा दिया। सरकार ने पूरे प्रदेश में हर ब्रांड के कफ सिरप की जांच कराने की बात कही है। वहीं पुलिस आरोपित कंपनी पर कार्रवाई के लिए एसआइटी की टीम को तमिलनाडु भेजने की तैयारी कर रही है। कोल्ड्रिप कफ सिरप 80 से 85 रुपये में आता है, रिपोर्ट के मुताबिक, इस जहरीले सिरप की 554 बोतलें छिंदवाड़ा पहुंची, जिनमें से 300 से अधिक बेची जा चुकी हैं। ऐसे में स्वजन को चिंता हो रही है।
जिले के परासिया क्षेत्र में बच्चों की मौत के बाद मौत के बाद ड्रग्स विभाग के दलों ने कार्यवाही करते हुए तीन स्टाकिस्टों पर कार्रवाई की है। जिसमे आयुष मेडिकल में कार्यवाही के दौरान श्री श्रेषन फार्मासिटिकल कम्पनी के अन्य सिरप प्रोनेट-एक्स टी, हैपसांडिन सिरप, रेस्पो लाइट और प्रोनेट शामिल है। वहीं न्यू अपना और आशीर्वाद मेडिकल में भी कार्रवाई की है। जांच दल में बालाघाट और छिंदवाडा के अधिकारी शामिल है। एतिहात के तौर पर इन सभी सिरप को जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।