
छिंदवाड़ा। जहरीले कफ सीरप कोल्ड्रिफ के सेवन से 24 मासूम बच्चों की मौत के सनसनीखेज मामले में एसआईटी ने आज एक और बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने मुख्य आरोपित डा. प्रवीण सोनी की फरार चल रही पत्नी और ‘अपना मेडिकल’ स्टोर की प्रोपराइटर ज्योति सोनी को 15 दिनों की तलाश के बाद नाटकीय ढंग से गिरफ्तार कर लिया है।
एसआईटी को लीड कर रहे परासिया एसडीओपी जितेंद्र जाट ने बताया कि आरोपित ज्योति सोनी लगातार जमानत के लिए प्रयास कर रही थी, लेकिन उसकी जमानत खारिज हो गई थी। जानकारी मिली थी कि आरोपित बंगलुरू चली गई है, जिसके बाद टीम ने आरोपित की तलाश तेज कर दी थी, लेकिन पुलिस ने परासिया से ही आरोपित ज्योति सोनी को गिरफ्तार कर लिया और मंगलवार को उसे परासिया स्थित न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। हालांकि ये भी दावा किया जा रहा है कि आरोपित ने सरेंडर किया था।
डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी के बाद से ही ज्योति सोनी फरार थीं। एसआईटी द्वारा लगातार दी जा रही दबिश के बाद आखिरकार उन्हें हिरासत में ले लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ज्योति सोनी पर मुख्य रूप से दो गंभीर आरोप हैं जिसमें उनके मेडिकल स्टोर से जहरीली सिरप की अवैध बिक्री करना और बच्चों की मौत के बाद सबूत मिटाने का प्रयास करना शामिल है।
इस मामले में जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ था कि सीरप की 74 बोतलों में से 66 बोतलें ‘अपना मेडिकल’ स्टोर और क्लीनिक से गायब थीं। एसआईटी को संदेह है कि साक्ष्य छिपाने के लिए यह स्टॉक जानबूझकर हटाया गया। गौरतलब है कि इस मामले में अब तक हुई गिरफ्तारियों की संख्या सात हो गई है। जिनमें
रंगनाथन गोविंदन: श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स (तमिलनाडु) के मालिक, के महेश्वरी, कंपनी की महिला कर्मचारी, सैंपल और दस्तावेज़ फर्जीवाड़े में संलिप्त, डॉ. प्रवीण सोनी, बच्चों को सीरप लिखने का आरोपित डॉक्टर, राजेश सोनी न्यू अपना फार्मा एजेंसी संचालक, सौरभ जैन केमिस्ट, अपना फार्मा और सतीश वर्मा कंपनी का मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव शामिल है।
पुलिस और ड्रग विभाग की संयुक्त जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि डॉक्टरों और एजेंसी संचालकों के बीच कमीशन डील होती थी। एसआईटी इस जहरीली सीरप की कंपनी से लेकर स्थानीय मेडिकल स्टोर तक की अवैध सप्लाई चेन की परतें खोलने में जुटी है। एसआईटी ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में मामले में और गिरफ्तारियां संभव हैं