MP की दंगल गर्ल शिवानी की कामयाबी, गरीबी में बीता बचपन, फिर भी नहीं हारी हिम्मत
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पहलवान शिवानी के पदक जीतने की खुशी पर घर में है जश्न का माहौल।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Fri, 05 Nov 2021 07:02:46 PM (IST)
Updated Date: Fri, 05 Nov 2021 07:02:46 PM (IST)

छिंदवाड़ा।दंगल गर्ल शिवानी पवार ने अंडर 23 अंतरराष्ट्रीय महिला कुश्ती प्रतियोगिता में 50 किलो वेट में सिल्वर मेडल जीता है। फाइनल में अमेरिका की एमिली शिल्सन से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।भारत का इस वर्ल्ड चैंपियनशिप में 7वां रजत पद है। शिवानी साधारण किसान परिवार की बेटी हैं। छिंदवाड़ा के उमरेठ में घर पक्की छत भी नहीं है। पिता नंदलाल पवार सिर्फ 3 एकड़ जमीन के किसान हैं। तीनों बेटियों और बेटे को उनका करियर खुद चुनने दिया। समाज के तानों के बाद भी बेटियों को कुश्ती के लिए पूरा सहयोग किया।
शिवानी पवार की मां पुष्पा पवार ने बताया शिवानी की स्कूलिंग पंडित विशंभर नाथ हाईस्कूल उमरेठ में हुई। 8वीं कक्षा तक उसे फुटबॉल और रनिंग का शौक था। स्कूल कोच कलशराम मर्सकोले ने पहले उसे फुटबॉल में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। शिवानी ने फुटबॉल के पहले ही राउंड में स्टेट निकाल लिया।
कॉम्पिटिशन से वापस आने पर कोच ने उसे रेसलिंग करने की सलाह दी। कोच ने उनसे और शिवानी के पिता से भी इसे लेकर बात की। कोच ने कहा कि शिवानी को वह रेसलिंग में आगे बढ़ते देखना चाहते हैं। हमने भी कहा- हमें कोई प्रॉब्लम नहीं।
शिवानी की मां ने कहा जब हमने शिवानी को कुश्ती में भेजने का फैसला किया तो शुरुआत में समाज के ताने भी मिले। लोग कहा करते थे कि लड़की है, लड़की को कोई कुश्ती में भेजता है क्या। वैसे तो शिवानी का अब छिंदवाड़ा आना कम ही होता है, लेकिन फिर भी जब भी होता है, यही लोग अब सोचते हैं कि शिवानी से मुलाकात हो जाए और बातचीत कर लें। शिवानी की छोटी बहन भारती पवार का कहना है कि सामाजिक दबाव के बाद भी हमारे माता पिता दोनों ने ही कभी मुझे कुश्ती और बाहर निकलने से मना नहीं किया। हमें हमेशा प्रोत्साहित किया।