राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। कांग्रेस का गढ़ रहे छिंदवाड़ा को पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ध्वस्त किया था। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ भाजपा के विवेक बंटी साहू से पराजित हुए थे। तब यह माना जा रहा था कि कमल नाथ की पारी समाप्त हो गई है लेकिन बुधवार को पूर्व सांसद नकुल नाथ ने 25 हजार किसानों के साथ रैली निकाल कर छिंदवाड़ा में कांग्रेस की ताकत दिखाई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की उपस्थिति से कांग्रेस ने नेताओं की एकजुटता का संदेश भी दिया। वहीं संगठन को भी दिखा दिया गया कि कमल नाथ अब भी प्रदेश में कांग्रेस के ताकतवर नेता हैं। छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए वह जिला रहा है, जहां पार्टी सभी विधानसभा सीटें 2018 और 2023 के विधानसभा चुनाव में जीती थी।
जिला पंचायत अध्यक्ष हो या फिर नगर निगम का महापौर, सब पद कांग्रेसियों के पास रहे। भाजपा ने कांग्रेस और कमल नाथ के इस अभेद किले को भेदने का प्रयास लंबे समय से कर रही थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी को इसमें सफलता मिली और नकुल नाथ को भाजपा के विवेक बंटी साहू ने परास्त कर दिया। तब यह माना जा रहा था कि कमल नाथ और नकुल नाथ की पारी अब छिंदवाड़ा में समाप्त हो चुकी है क्योंकि दोनों चुनाव के समय उनके करीबी नेताओं ने पार्टी छोड़ दी थी लेकिन कमल नाथ ने फिर मोर्चा संभाला।
टीम को एकजुट किया और नकुल नाथ भी सक्रिय हुए। लंबे समय बाद विधानसभा के मानसून सत्र में कमल नाथ ने तीन-चार दिन उपस्थिति दर्ज कराई और छिंदवाड़ा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 500 से अधिक कार्यकर्ताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। बुधवार को यूरिया संकट के बहाने पूर्व सांसद नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा में बड़ा प्रदर्शन करके संदेश दिया कि वे हार मानने वाले नहीं हैं। सभी कलेक्टर को किसानों की समस्याओं को लेकर ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन नहीं मिले तो श्वान के गले में ज्ञापन बांधकर विरोध दर्ज कराया।
कमल नाथ इस किसान आंदोलन में भले ही शामिल नहीं हुए पर बेटे नकुल नाथ के लिए फिल्डिंग उन्होंने ही जमाई। अपने सभी समर्थक विधायकों और उनकी टीम को इस शक्ति प्रदर्शन को सफल बनाने में लगाया। नकुल नाथ ने भी यह बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि उनकी टीम सक्रिय और कांग्रेस मजबूत है।
पूर्व सांसद नकुल नाथ ने सभा को संबोधित करते हुए प्रशासन और पुलिस को चेतावनी देते हुए कहा कि आदिवासियों को तंगाया(तंग किया) तो ठीक नहीं होगा। आदिवासी दिवस पर आदिवासियों पर एफआईआर की गई की। जब किसान अपना अधिकार मांगने यूरिया के लिए कतार में खड़े हुए तो उन्हें भी नहीं छोड़ा और एफआइआर कर दी। कितने लोगों पर एफआइआर करेंगे और कितनों को गिरफ्तार, हम सब गिरफ्तार होने को तैयार हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि यदि प्रदेश में कहीं खाद की कमी नहीं है तो फिर किसान लाइन में क्यों खड़े हैं। पुलिस उन पर डंडे चला रही है। एक तरफ किसान परेशान हैं और दूसरी ओर बेफिक्र मोहन सरकार भष्ट्राचार और कमीशन के अपने मिशन में जुटी है।हम किसानों की समस्या पर चुप नहीं बैठेंगे और हर मोर्चे पर लड़ेंगे।