नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में 11 बच्चों समेत जिले में 14 बच्चों की मौत प्रतिबंधित कोल्ड्रिफ सिरप पीने से हुई है। इस घटना को लेकर पूरे प्रदेश में हड़कप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का जबलपुर का प्रस्तावित दौरा निरस्त कर सोमवार को परासिया दौरे का कार्यक्रम आनन फानन में बनाया गया है।
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव दोपहर 1.40 बजे छिंदवाड़ा हवाई पट्टी पहुंचेंगे। इसके बाद वह हेलीकॉप्टर के जरिए परासिया जाएंगे। दोपहर 1.55 से 3.25 तक परासिया में मृतक बच्चों के स्वजनों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद छिंदवाड़ा लौटकर वह भोपाल के लिए रवाना होंगे। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी मृतक बच्चों के स्वजनों से मुलाकात करने पहुंच गए हैं।
जीतू पटवारी ने परासिया पहुंचकर पीड़ित अभिभावकों से मुलाकात की। जीतू पटवारी ने कहा कि इस मामले में डॉक्टर को गिरफ्तार करने से काम नहीं चलेगा। बल्कि इस गंभीर लापरवाही के लिए स्वास्थ्य मंत्री, पीएस को इस्तीफा देना चाहिए। पटवारी ने कहा कि इस मामले में लीपापोती की जा रही है।
डॉक्टर का काम दवाई लिखना होता है। अगर इस प्रकार पूरे प्रदेश में दवाई वितरित हुई है तो क्या सब डॉक्टर पर इसी तरह कार्रवाई की जाएगी। जरूरत है कि दवा कंपनी और इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने छिंदवाड़ा के परासिया में बच्चों की मौतों पर मुख्यमंत्री पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि 'पार्क घूमने और रील बनाने वाले मुख्यमंत्री' का इतने दिन बाद यहां आना तभी सार्थक होगा जब वह स्वास्थ्य मंत्री को हटाएं और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव (PS) तथा ड्रग कंट्रोलर को बर्खास्त करें।
आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी मृत बच्चों के परिवारों से मिलने परासिया पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि नवजात बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार कफ सिरप में जहरीला रसायन होने की पुष्टि तमिलनाडु सरकार ने 24 घंटे के भीतर कर दी थी, जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री लगातार उस सिरप को क्लीन चिट देते रहे।
उन्होंने आगे कहा, 'आज मुख्यमंत्री जी भी आ रहे हैं। उनका आना तभी सार्थक होगा जब वह स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर को हटाएं, अन्यथा इसे केवल लीपापोती ही माना जाएगा।'
मीडिया के एक सवाल के जवाब में पटवारी ने कहा कि इस मामले में डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि डॉक्टर को यह पता नहीं होता कि दवा में क्या मिला है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार में छिंदवाड़ा के परासिया में हुई बच्चों की मौत के मामले में सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाया। जब हमारे विधायक जब धरने पर बैठे तब सरकार जागी। कोई भी प्रतिनिधि सरकार का वहां नहीं पहुंचा। प्रभावित परिवार को 10 लाख रुपये की तत्काल दी जाए। स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए और ड्रग कंट्रोलर पर कार्रवाई होनी चाहिए।