
छिंदवाड़ा। परासिया में जहरीले कफ सिरप कांड में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है । टीम ने रसेला मेडिकल स्टोर के संचालक अनिल रसेला को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
रसेला मेडिकल स्टोर से खरीदे गए कफ सीरप के सेवन से एक साढ़े तीन साल के बच्चे की मौत हो गई थी। 4 अक्टूबर को प्रकरण दर्ज होने के बाद से पुलिस लगातार गिरफ्तारियां कर रही है।
जांच में सामने आया है कि रसेला मेडिकल स्टोर से खरीदे गए ''''कोल्ड्रिफ'''' कफ सीरप के सेवन से उमरेठ मोरडोंगरी निवासी साढ़े तीन वर्षीय मयंक सूर्यवंशी की किडनी फेल हो गई थी। इलाज के दौरान 8 अक्टूबर को बच्चे का निधन हो गया था।
डीएसपी जितेन्द्र जाट ने बताया कि बच्चे का 22 सितंबर को अमन ठाकुर द्वारा इलाज किया गया था। जांच के दौरान कफ सीरप की बिक्री और उससे जुड़े तथ्यों के आधार पर रसेला मेडिकल स्टोर संचालक अनिल रसेला को आरोपित बनाया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
पुलिस के अनुसार, इस प्रकरण में एक अन्य मेडिकल शाॅप और दो डाॅक्टर अभी भी जांच के दायरे में हैं। वहीं, कुंडीपुरा थाने में दर्ज एक अन्य मामले में पुलिस दो आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। एसआईटी मामले की हर कड़ी की जांच कर रही है और आने वाले दिनों में और भी कार्रवाई की संभावना है।
गौरतलब है कि जहरीले कफ सीरप कांड से छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल के 25 मासूमों की मौत हो चुकी है। इस मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ प्रवीण सोनी, कोल्ड्रिफ कफ सीरप कंपनी के मालिक जी रंगनाथन समेत दस लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।