छिंदवाड़ा (नवदुनिया प्रतिनिधि)। किशोर न्याय बालको की देखरेख संरक्षण अधिनियम 2015 के प्रचार-प्रसार स्कूल में अध्ययनरत छात्र छात्राओं के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए शासकीय हाई स्कूल सागरपेशा में अध्ययनरत छात्राओं में जागरुकता लाने कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर किशोर न्याय बोर्ड व सीसीएफ के सदस्य श्यामल राव शिक्षक किरन आठले, बबीता सोनिया, सुशीला त्रिकाम, नमीता कुर्मी, शिल्पा साहू, कोर्ट मुंशी सुरजीत बघेल उपस्थित थे। इस अवसर पर श्यामल राव ने उपस्थित छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों को अपने अधिकारों और संरक्षण के विषय मे पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरूरी है जिससे वे अपने स्वयं की सुरक्षा के साथ, साथ अन्य बालकों का भी संरक्षण कर सकें। बालकों को महत्वपूर्ण चार अधिकारों के अंर्तगत जीवन जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, सहभागिता का अधिकार प्राप्त है। ये जानना सभी के लिए आवश्यक है। साथ ही छात्रो को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पाक्सो एक्ट की जानकारी ही बचाव है उलंघन की श्रेणी मे शोषण का अर्थ शारीरिक शोषण एक बच्चे को शारिरिक रूप से चोट पहुंचाना। भावनात्मक शोषण, शाब्दिक शोषण, मानसिक शोषण, उपेक्षा बच्चों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में असफल, यौन शोषण- एक बच्चे के साथ अनुचित यौन व्यवहार पोर्नोग्राफी फोटो वायरल जैसे प्रकरणों को समझने की आवश्यकता है। छात्र निडर होकर शाला मे अध्ययापन करें, कोई घटना स्वंय के साथ घटे जिसकी सूचना नजदीकी थाना व प्राचार्य को अवश्य देने की अपील की और कहा कि अधिकारों की जानकारी के अभाव में शोषण का सामना करना पड़ता है। छात्रों की किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तत्काल चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन भोपाल के टोल फ्री नंबर 18003090404, महिला हेल्पलाइन 1090 एव़ं डायल 100, चाइल्ड लाइन 1098 व महिला थाना पुलिस से मदद निडर होकर लें और हमें सजग रहकर किसी भी घटना की सूचना दें।