छिंदवाड़ा, नवदुनिया प्रतिनिधि। एसवीटी केवल नेटवर्किंग कंपनी के नाम पर शहर के विजय झांझरी से 45 लाख रुपये की ठगी करने वाला आरोपित आखिरकार कोतवाली पुलिस के हाथ लग गया है। ठगी का मामला सामने आने के बाद से आरोपित को पकड़ने में पुलिस को नाकामी हाथ आ रही थी। आरोपित शिरीष पिता अमित रुपारेल को पुलिस ने ऋषिकेश से गिरफ्तार किया है। केवल कंपनी के नाम पर पैसे लेने के बाद से आरोपित मुंबई भाग गया था। शिकायत के बाद पुलिस हरकत में आई थी।
पुलिस ने आरोपित को पकड़ने मुंबई, हरियाणा, गुड़गांव में जाकर दबिश दी, लेकिन आरोपित हर बार चकमा देकर फरार हो जाता था। पुलिस की दो टीमें तलाश के लिए लगातार मुंबई, हरियाणा तथा गुड़गांव भेजी जा रही थी। इस बार पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि आरोपित मुंबई से भागकर ऋषिकेश के एक आश्रम में छुपकर रह रहा है। पुलिस टीम भी आश्रम में रुककर आरोपित पर नजर रखे हुए थी। जैसे ही आरोपित की जानकारी पुलिस टीम को लगी तो आरोपित को पुलिस टीम ने दबोच लिया। पुलिस आरोपित को छिंदवाड़ा लेकर आई तथा न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया है। आरोपित की गिरफ्तारी पर शिकायतकर्ता विजय झांझरी ने 10 हजार रुपये का ईनाम रखा था। ठगी के आरोपित को पकड़ने में पुलिस टीम के उनि रविंद्र पवार, सउनि अमित यादव, कमल ठाकुर, आरक्षक नरेंद्र रघुवंशी, अतुल तथा साइबर की टीम की मुख्य भूमिका रही है।
पुलिस आरोपित की रिमांड के बाद उससे पूछताछ करेगी कि उसने और कहां-कहां ठगी का अपराध किया है। कोतवाली टीआई सुमेर सिंग जगेत ने बताया कि आरोपित को पकड़ने के बाद उससे रिमांड पर पूछताछ की जाएगी तथा ठगी के पैसों की बरामदगी की जाएगी। आरेापित ने कहां-कहां ठगी का कार्य किया है उसकी भी जांच की जाएगी। शहर में और किन लोगों से उसने संपर्क किया तथा इस ठगी में और उसके कितने साथी है यह भी जानने का प्रयास पुलिस टीम द्वारा किया जाएगा।