
नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा/मऊगंज। मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सीरप से 24 बच्चों की मौत का सिलसिला थमे अभी कुछ सप्ताह ही बीते थे कि अब दो और बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं। छिंदवाड़ा जिले के बिछुआ में बुधवार को छह माह की बच्ची और मऊगंज जिले में पांच माह के मासूम की मौत हुई है। दोनों मामलों में स्वजन का कहना है कि उन्होंने मेडिकल स्टोर से कफ सीरप और दवा खरीदकर बच्चों को पिलाई थी, इसके बाद उनकी मौत हो गई।
दोनों मामलों में कार्रवाई में प्रशासन ने एफआइआर दर्ज कराकर वे मेडिकल स्टोर सील करा दिए हैं, जहां से इन बच्चों को कफ सीरप और दवा खरीदी गई थी। इस बार छिंदवाड़ा के मामले में कासामृत कफ सीरप का बच्चे को सेवन कराने का आरोप है। वहीं, मऊगंज में मृतक पांच माह के बच्चे का पोस्टमार्टम कराने के लिए उसका शव कब्र खोदकर निकाला गया है। बिछुआ के वार्ड नंबर 12 में रहने वाले संदीप मिनोट की छह माह की बेटी रूही की तबीयत पिछले दिनों खराब हुई तो उसे दिखाने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गए, लेकिन वहां कोई नहीं मिला।
इस पर स्वजन ने सोमवार को कुरेठे मेडिकल स्टोर से कासामृत कफ सीरप और कुछ दवा खरीदी। घर पहुंचकर रूही को दवा पिलाई। मंगलवार को उसकी हालत बिगड़ने लगी तो उसे सिविल अस्पताल ले गए, जहां बुधवार शाम को उसकी मौत हो गई। बिछुआ के थाना प्रभारी सतीश उइके ने बताया कि स्वजन की शिकायत पर एफआइआर दर्ज कर ली गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, मऊगंज जिले के हनुमना थाना क्षेत्र ग्राम खटखरी निवासी श्वेता यादव ने पांच माह के अपने बच्चे को सर्दी और खांसी के बाद पांच दिन पहले एक मेडिकल स्टोर से लिया कफ सीरप पिला दिया था। इसके बाद कुछ देर बाद बच्चे की हालत बिगड़ने लगी और मां की गोद में ही मौत हो गई। प्रशासन ने मेडिकल स्टोर को सीलकर उसके संचालक के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है। मौत का कारण जानने के लिए गुरुवार को प्रशासन ने बच्चे का शव कब्र खोदकर निकलवाया। रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम और फोरेंसिक जांच की जाएगी।