बनवार (नईदुनिया न्यूज)। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से एक मासूम बच्ची की जान चली गई। जबेरा जनपद के ग्राम बम्होरी माला निवासी प्रेमलाल यादव की साढ़े तीन वर्षीय बच्ची अवनी को 24 जुलाई को एक नेवले ने गाल में काट लिया था। बच्ची घर के अंदर थी तब यह घटनाक्रम घटित हुआ। इसके बाद स्वजन बच्ची को लेकर स्वास्थ्य कें द्र जबेरा गए जहां डाक्टरों ने उसे सामान्य घटना बताते हुए जहर ना फै लने की बात कही और पिता के निवेदन के बाद भी रेबीज का इंजेक्शन नहीं लगाया। डॉक्टरों द्वारा यही कहा गया कि नेवले के काटने से जहर नहीं फै लता। इसके बाद स्वजन निश्चिंत होकर घर पहुंच गए। आठ अगस्त को जब बच्ची में रैबीज जैसे लक्षण दिखे तो स्वजन उसे उप स्वास्थ्य कें द्र रोंड़ ले गए वहां पर भी इसी तरह आश्वासन दिया गया और उसे वापस घर भेज दिया। जब बच्ची का घाव ठीक नहीं हुआ और हालत बिगड़ी तो स्वजन उसे लेकर जिला अस्पताल दमोह पहुंचे जहां डॉक्टरों ने रेबीज होने की पुष्टि करते हुए जबलपुर रेफर कर दिया। जबलपुर में मेडिकल कॉलेज व विक्टोरिया अस्पताल में डॉक्टरों ने यही बताया कि बच्ची में रेबीज के लक्षण हैं और अब उसका कोई इलाज नहीं हो सकता। यदि समय रहते रैबीज का इंजेक्शन लग जाता तो कु छ नहीं होता। इसके बाद 15 अगस्त को मासूम अवनी की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से अपनी बच्ची खोने वाले पिता ने एक आवेदन दमोह कलेक्टर के नाम सौंपा है और इस तरह की लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की मांग की है। इस तरह का यह पहला मामला जबेरा में सामने आया है जहां नेवले के काटने से कि सी की मौत हुई है। मासूम बच्ची की मौत से परिवार में मातम पसरा हुआ है वहीं स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही भी उजागर हुई है। इस तरह की घटना पुन? घटित ना हो इसके लिए कलेक्टर को दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई भी करनी चाहिए। इस संबंध में जब जबेरा सीबीएमओ डॉ. डीके राय को फोन लगाया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं कि या।