शरद पूर्णिमा से बदला भोलेनाथ का श्रृंगार, देवश्री जागेश्वरनाथ महादेव को पहनाए गए ऊनी वस्त्र
MP News: बुंदेलखंड की आस्था का केंद्र देव श्री जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर एक बार फिर भक्ति और परंपरा के रंग में रंग गया है। शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर यहां भगवान भोलेनाथ के शृंगार में मौसमी बदलाव किया गया है, अब महादेव को ठंड से बचाने के लिए गरम पोशाक धारण कराई जा रही है।
Publish Date: Fri, 10 Oct 2025 04:28:05 PM (IST)
Updated Date: Fri, 10 Oct 2025 04:31:26 PM (IST)
देवश्री जागेश्वरनाथ महादेव को पहनाए ऊनी वस्त्र।HighLights
- देवश्री जागेश्वरनाथ महादेव को पहनाए ऊनी वस्त्र।
- शरद पूर्णिमा से बदला भोलेनाथ का श्रृंगार।
- भोलेनाथ के शृंगार में मौसमी बदलाव किया।
नईदुनिया न्यूज, बनवार/दमोह। बुंदेलखंड की आस्था का केंद्र देव श्री जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर एक बार फिर भक्ति और परंपरा के रंग में रंग गया है। शरद पूर्णिमा के पावन अवसर पर यहां भगवान भोलेनाथ के शृंगार में मौसमी बदलाव किया गया है, अब महादेव को ठंड से बचाने के लिए गरम पोशाक धारण कराई जा रही है।
ट्रस्ट द्वारा प्रतिदिन नित्य पूजन और संध्या आरती के समय शिवलिंग का श्रंगार गरम कपड़ों से किया जा रहा है। भक्तों का मानना है कि शरद पूर्णिमा से ही शीत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है इसलिए भगवान के शृंगार में भी ऋतु परिवर्तन के अनुरूप बदलाव किया जाता है।
वर्षों पुरानी इस परंपरा के तहत जैसे ही ठंड का अहसास शुरू होता है भगवान जागेश्वरनाथ का शृंगार गरम वस्त्रों से किया जाता है। जैसे भक्त मौसम के अनुसार अपनी जीवनशैली बदलते है वैसे ही भगवान के शृंगार में भी वही भाव झलकता है, यह सेवा नहीं भक्ति का एक रूप है।
भक्तों का विश्वास है कि जिस भाव से पूजा-अर्चना की जाती है भगवान भी उसी भाव में अपने भक्तों को दर्शन देते है। शरद पूर्णिमा से ही मंदिर में गरम पोशाक शृंगार और विशेष सेवा क्रम आरंभ हो गया है। मंदिर परिसर में रोजाना विशेष आरती, पुष्प सज्जा और भक्ति संगीत से वातावरण शिवमय बना हुआ है। दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु देव श्री जागेश्वरनाथ महादेव के दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस कर रहे है।