Madhya Pradesh Politics : ओपी सोनी. दमोह । साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा का गणित बिगाड़कर कांग्रेस का दामन थामने वाले डॉ. रामकृष्ण कु समरिया ने गुरुवार को फिर भाजपा में वापसी कर ली। जनसंघ से राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले कुसमरिया भाजपा से पांच बार सांसद व चार बार विधायक रहे, लेकि न पिछले विधानसभा चुनाव में पथरिया विधानसभा से टिकट न मिलने के कारण वे बागी हो गए थे और दमोह व पथरिया विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़कर यहां के दोनों भाजपा प्रत्याशी पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया और पथरिया के पूर्व विर्धायक लखन पटेल की हार का कारण बने थे। इसके बाद उन्होंने भोपाल में राहुल गांधी की सभा में कांग्रेस का दामन थाम लिया था, लेकि न अब वे फिर भाजपा में शामिल हो गए हैं।
बता दें कि कुसमरिया ने वर्ष 2008 में पथरिया विधानसभा से भाजपा सीट पर चुनाव जीता था, इसके बाद वे कृषि मंत्री बने थे। उनके कार्यकाल में प्रदेश भर में कि सानों की आत्महत्या दर्जनों मामले सामने आए थे। इसी बीच उन्होंने कि सानों के खिलाफ बयान दे दिया था, इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसानों से माफी मांगनी पड़ी थी। संभवत इसी कारण 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पथरिया की जगह छतरपुर के राजनगर विधानसभा से टिकट मिली थी, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
इस समय भी कुसमरिया ने अपनी विधानसभा बदलने का विरोध कि या था, लेकि न कु छ नहीं हुआ। 2018 में उन्होंने फिर पथरिया विधानसभा से दावेदारी की, जहां पहले से लखन पटेल विधायक थे। पार्टी ने लखन पटेल को टिकट दे दी। इसके बाद कुसमरिया को लगा कि पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया ने उनकी टिकट कटवा दी, इसलिए उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी और दमोह व पथरिया विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ गए।
उनके चुनाव लड़ने से दोनों विधानसभा में वोटों का गणित बिगड़ गया और दमोह से जयंत मलैया व पथरिया से लखन पटेल चुनाव हार गए। इसके अलावा प्रदेश के कई विधानसभा में कु र्मी वोट प्रभावित हुए और भाजपा के हाथ से सत्ता चली गई। अब उनकी वापसी हो गई है, लेकि न उनके कारण पार्टी व प्रत्याशियों को जो नुकसान हुआ, उसपर अब राजनीति गरमा सकती है।