Lok sabha chunav 2024 : सुनील गौतम, नई दुनिया दमोह। बुंदेलखंड की सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा सीट दमोह से भाजपा लगातार 35 वर्षों से जीत दर्ज करती आ रही है। वर्ष 2014 में यहां से भाजपा ने प्रहलाद सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां से उनकी जीत होने के बाद वर्ष 2019 में एक बार फिर भाजपा ने उन पर दांव खेला और उन्होंने जीत हासिल की। उन्होंने यहां से कांग्रेस के प्रताप सिंह लोधी को पराजित किया था। लगातार दो बार जीत हासिल होने के बाद दूसरे कार्यकाल में उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय मंत्री और फिर उसके बाद राज्य मंत्री के रूप में जिम्मेदारियां मिली हैं। उनके कार्यकाल में विकास कार्य तो हुए, लेकिन पलायन हमेशा की तरह बड़ी समस्या रही।
दमोह में विकास के नाम पर तो कोई बड़ी उल्लेखनीय उपलब्धि नहीं है। यह अवश्य है कि रोजगार की समस्या के चलते प्रतिवर्ष लगभग समूचे संसदीय क्षेत्र से चार से पांच लाख लोग पलायन करते हैं। ये महानगरों और प्रदेशों में रोजगार के लिए बाहर ही रहते हैं। पूरे संसदीय क्षेत्र में उद्योग के नाम पर एकमात्र माइसेम सीमेंट फैक्ट्री नरसिंहगढ़ में स्थित है। यह भी आरोप हैं कि इस फैक्ट्री में बाहरी व्यक्तियों को ही रोजगार दिया जाता है। इस कारण से इस फैक्ट्री का स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार का कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। संसदीय क्षेत्र की जहां सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है, जिसकी ओर किसी का भी ध्यान नहीं है। यही कारण है कि यहां से लोग काम की तलाश में बाहर जाते हैं और वहीं के होकर रह जाते हैं। संसदीय क्षेत्र के ऐसे अनेक गांव हैं, जहां पर आज भी ताले लगे हुए हैं। रोजगार की उपलब्धता न होने के कारण बूढ़े से लेकर बच्चों तक बाहर रोजगार की तलाश में चले जाते हैं।
सांसद प्रहलाद पटेल ने प्रसिद्ध तीर्थ स्थल जागेश्वरनाथ धाम बांदकपुर व अपने दूसरे कार्यकाल में पथरिया विधानसभा के ग्राम जेरठ को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने की जिम्मेदारी ली थी। नईदुनिया टीम ने इन ग्रामों के विकास कार्यों का जायजा लिया तो बांदकपुर में तो विकास कार्य उस दौरान हुए थे, लेकिन जेरठ ग्राम में किसी भी प्रकार के कोई विकास कार्य नहीं कराए गए। कोरोना संक्रमण के कारण सांसद निधि बंद होने से जेरठ गांव का विकास नहीं हो पाया। यह गांव आज भी आदर्श ग्राम बनने की राह तक रहा है।
2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रहलाद पटेल को नरसिंहपुर विधानसभा से प्रत्याशी बनाया था। यहां से चुनाव जीतने के बाद वे विधायक बने और वर्तमान में मध्य प्रदेश शासन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री का प्रभार संभाल चुके हैं। इस कारण से उन्होंने सांसद पद से त्यागपत्र दे दिया था। यही कारण है कि वह अपना कार्यकाल पूर्ण नहीं कर सके और वर्तमान में दमोह संसदीय क्षेत्र रिक्त है।
सांसद प्रहलाद पटेल का दमोह संसदीय क्षेत्र के प्रमुख क्षेत्रों से लगातार सतत संपर्क रहा है। वे आमजन के लिए सहजता से उपलब्ध भी रहे हैं। उन्होंने अपने साढ़े नौ वर्षीय कार्यकाल में संसदीय क्षेत्र की आठों विधानसभा के तहसील मुख्यालयों के साथ-साथ अनेक प्रमुख ग्रामों का भी दौरा किया और लोगों से मेल-मुलाकातों का दौर भी लगातार जारी रहा।
अभी हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जबलपुर-दमोह-ओरछा मार्ग को नेशनल हाईवे मार्ग घोषित किया है और इसकी स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है। यह दमोह संसदीय क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसके प्रारंभ हो जाने से व्यापारिक दृष्टि के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा।
सांसद सिर्फ उन योजनाओं का लाभ दिला पाए, जो केंद्र या राज्य स्तर पर बनी और लागू हुईं। इसके अलावा किसी भी प्रकार की बड़ी उपलब्धि दमोह संसदीय क्षेत्र को प्राप्त नहीं हुई है।
- रतन चंद जैन, अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी।
सांसद ने प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बांदकपुर धाम को गोद जरूर लिया था लेकिन यहां की स्थिति सामान्य ग्राम पंचायत की तरह ही है। यदि सांसद चाहते तो यहां का कायाकल्प कर सकते थे लेकिन उन्होंने यहां पर किसी भी प्रकार के कोई उल्लेखनीय विकास का नहीं कराए, जबकि उनका अभी भी बांदकपुर से जुड़ाव है और हमेशा ही आते रहते हैं। बांदकपुर ऐतिहासिक स्थल बन सकता था और अभी भी बन सकता है।
प्रजू यशोधरन, आम नागरिक।
अपने संसदीय कार्यकाल व केंद्रीय मंत्री के नाते संसदीय क्षेत्र में विकास के अनेक कार्य प्रारंभ किए हैं और नेशनल हाईवे की उपलब्धि संसदीय क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इसके अलावा अन्य विकास कार्य भी जो कराए गए हैं, जो क्षेत्र के विकास में एक मील का पत्थर ही साबित होंगे।
प्रहलाद पटेल, पूर्व सांसद, दमोह।
दमोह संसदीय क्षेत्र में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल का फायरिंग रेंज व मल्टी वेपन स्कूल स्वीकृत कराया गया है, जिसका कार्य प्रारंभ होने की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा सांस्कृतिक स्रोत व प्रशिक्षण केंद्र सीसीआरटी का शुभारंभ, सिंगोड़गढ़ किले की संरक्षण का कार्य, रुक्मिणी देवी प्रतिमा की स्थापना, एफएम रेडियो रिले केंद्र का शुभारंभ, प्रदेश के पहले हाइड्रोलिक पशु शव वाहन की शुरुआत के काम कराए हैं। जल जीवन मिशन (निगम लिखा था) के माध्यम से शत-प्रतिशत गांव-गांव में पानी पहुंचाने का कार्य हुआ है। इसके अलावा दमोह रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल किया गया। दूसरी ओर अनेक बंद ट्रेनों को प्रारंभ कराया गया है। तीसरी रेलवे लाइन का विस्तार भी बीना-कटनी के बीच स्वीकृत कराया गया। दमोह, बांदकपुर व आनु में रेलवे ओवरब्रिज स्वीकृत कराया गया है। हटा में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा जबलपुर-दमोह-ओरछा-ललितपुर नेशनल हाईवे के साथ-साथ अभयारण्य के क्षेत्र में भी अनेक योजनाएं स्वीकृत कराई गई हैं।
सांसद प्रहलाद पटेल ने अपने संसदीय कार्यकाल में सांसद निधि से भी अनेक प्रकार की राशि विकास कार्यों के लिए आवटित की है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण कोरोना काल में अपने संसदीय क्षेत्र के लिए उनके द्वारा 75 लाख की राशि आवंटित की थी। सांसद निधि से संसदीय क्षेत्र के 25 सरस्वती शिशु मंदिर संस्थान को एक करोड़ 84 लाख रुपए की राशि सांसद निधि से आवंटित की थी। वहीं गौशाला निर्माण के लिए भी सांसद निधि से राशि आवंटित की गई। इसके अलावा सांसद द्वारा गोद लिए गए जागेश्वर नाथ धाम बांदकपुर ग्राम में पांच करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य कराए गए थे।
सांसद प्रहलाद पटेल अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहते हैं। दमोह में विक्की रोहित आत्महत्या के मामले में पुलिस ने भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया तो उन्होंने पुलिस सुरक्षा लेने से इन्कार कर दिया था। इस बात की जानकारी जैसे ही तत्कालीन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को लगी तो उन्होंने सीआइडी जांच के आदेश दिए थे। सीआइडी जांच के आदेश होने के बाद ही प्रहलाद पटेल ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को वापस लिया था।
प्रहलाद पटेल
2014 में दमोह से सांसद बने, वर्ष 2019 में सांसद के बाद केंद्रीय मंत्री बने
संसद में उपस्थित 99 प्रतिशत
वर्तमान कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री बनाए गए। इसके पूर्व वर्ष 2014 के कार्यकाल में सार्वजनिक उपक्रमों की समिति, सरकारी आश्वासनों पर समिति, ग्रामीण विकास पर स्थाई समिति के सदस्य भी रहे।