गौरतलब हो कि कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में सत्र न्यायालय द्वारा आरोपित बनाए जाने व सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से गोविंद सिंह अन्य छह आरोपितों के साथ हटा जेल में ही विचाराधीन कैदी की हैसियत से बंद था। 22 जुलाई को मृतक देवेंद्र चौरसिया के बेटे सोमेश चौरसिया की याचिका पर निर्णय सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गोविंद सिंह की 2008 में हत्या के मामले और 2015 के पुराने मामलों में हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानतें निरस्त कर दी थीं और गोविंद सिंह को अन्य जेल भेजने के आदेश दिए थे। जिसके पालन में अब गोविंद सिंह सजायाफ्ता कैदी के रुप में केंद्रीय जेल जबलपुर में रहेगा। गौरतलब हो कि हटा के कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया व उनके बेटे सोमेश चौरसिया पर हटा स्थित उनके डामल प्लांट पर 14 मार्च 2019 को हमला किया गया था। जिसमें देवेंद्र चौरसिया और उनके बेटे सोमेश चौरसिया बुरी तरह घायल हुए थे। जबलपुर इलाज के लिए ले जाते जाते समय देवेंद्र चौरसिया की मौत हो गई थी। इस हत्याकांड का आरोप पथरिया विधायक के पति सहित उनके स्वजनों पर लगा था।
मृतक देवेंद्र चौरसिया के भाई महेश चोरसिया की रिपोर्ट पर पथरिया विधायक रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह, देवर चंदू सिंह, भाई लोकेश, भतीजे गोलू, जिपं अध्यक्ष शिवचरण पटैल के बेटे इंद्रपाल पटैल व अन्य लोगों पर हत्या व हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। उस दौरान यह बात सामने आई थी कि तत्कालीन सरकार के दबाव में पुलिस ने गोविंद सिंह का नाम प्राथमिकी रिपोर्ट से अलग कर दिया था और चालान न्यायालय में पेश कर दिया था। विवेचना के दौरान गवाही मिलने पर हटा के अपर सत्र न्यायाधीश आरपी सोनकर ने गोविंद सिंह को फिर से आरोपित बना दिया था और वारंट जारी कर पुलिस को गिरफ्तारी का आदेश दिया था, लेकिन गोविंद सिंह फरार हो गया।
इसी दौरान एसडीओपी भावना दांगी को जब कोर्ट ने गोविंद सिंह को गिरफ्तार करने सख्त हिदायतें दी तो भावना दांगी ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारिओं को शिकायत कर नौकरी से इस्तीफा देने की धमकी दे दी थी। उस दौरान तत्कालीन एसपी हेमंत चौहान की ओर से हटा में प्रकरण की सुनवाई कर रहे अपर सत्र न्यायधीश के पास मामले से संबंधित कुछ बात पहुंचाई गई थी। जिसे अपर सत्र न्यायाधीश ने रिकॉर्ड पर लेकर जिला सत्र न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट तक रिपोर्ट भेज दी थी।
इसी मामले में मृतक देवेंद्र चौरसिया के पुत्र सोमेश द्वारा दायर गोविंद सिंह की अन्य मामले में जमानत निरस्त के प्रकरण की सुनवाई कर रहे सुप्रीमकोर्ट ने गंभीरता से लेकर गोविंद सिंह की गिरफ्तारी को लेकर ङीजीपी तक को फटकार लगाई थी और अपर सत्र न्यायाधीश आरपी सोनकर की सुरक्षा के आदेश प्रदेश सरकार को दिए देकर फरार आरोपित गोविंद सिंह गिरफ्तारी की समय सीमा दे दी। जिसके बाद डीजीपी द्वारा गठित एसआईटी द्वारा भिंड से गोविंद सिंह को गिरफ्तार कर हटा न्यायालय में पेश किया था और वहीं से उसे जबलपुर सेंट्रल जेल भेजे जाने की कार्रवाई की गई है।