सुनील गौतम, दमोह।
प्रदेश में शिवराज सिंह सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार टैक्स के नाम पर वसूली करने का निर्णय लिया है यह निर्णय नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव के बीच लिया गया। इस निर्णय के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के दायरे
में बिकने के लिए रखने वाले हर उत्पाद पर टैक्स लगाया जाएगा नए टैक्स को लागू करने के लिए कलेक्टर को ग्राम पंचायतों के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के हाट, बाजार, दुकान, माल, शापिंग कांप्लेक्स सहित हर छोटे-बड़े कमर्शियल स्थल की सूची तैयार करने रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर को यह रिपोर्ट 31 जुलाई तक सौंपनी होगी इसके साथ ही कलेक्टर को इसकी पूरी तैयारी करके फीस लागू करने के लिए आदेश दे दिए गए हैं इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में प्रापर्टी टैक्स का दायरा भी बढ़ाना तय किया गया है। फिलहाल चुनाव चल रहे हैं लेकिन अगले महीने से इस टैक्स का बोझ बढ़ सकता है।
किन पर लगेगा नया टैक्स
यह नया टैक्स उन व्यक्तियों पर लगेगा जो ग्राम पंचायत या उसके नियंत्रण वाले बाजार या स्थान या भवन अन्य में बेचने के लिए अपना कोई माल उत्पाद रखते हैं। इसमें सभी स्थानीय बाजार, दुकानें, शोरूम, माल, हाट, बाजार व अन्य व्यवसायिक स्थान आ जाएंगे हाट बाजार में सावर्जनिक सूचना वसूली भी हो सकेगी इतना ही नहीं ग्राम पंचायतों के स्तर पर ही बाजार फीस का निर्धारण व वसूली होगी।
आनलाइन रखना होगा पूरा डाटा
ग्राम पंचायतों को बाजार फीस व संपत्ति कर संबंधित पूरा डाटा आनलाइन भी करना होगा बाजार फीस का निर्धारण, वसूली, बकाया और अन्य सभी रिपोर्ट अनिवार्य रूप से आनलाइन अपलोड करना होगी इसकी हर महीने समीक्षा होगी। इसके बाद ग्राम पंचायतों की रैकिंग भी तैयार की जाएगी जिन पंचायतों में वसूली बेहतर होगी उन्हें उत्कृष्ट भी घोषित किया जाएगा।
इस वजह से हो रही तैयारी
सरकार लंबे समय से आर्थिक मोर्चे पर कठिनाइयों से जूझ रही हैं इसके तहत लगातार आमदनी बढ़ाने के रास्ते खोजे जा रहे हैं कोरोना के बाद ही आर्थिक चुनौती बढ़ी है। ऐसे में ग्रामीण विकास विभाग में नियमों को खंगालने के दौरान इस बाजार फीस की जानकारी सामने आई कुछ ग्राम पंचायतों में यह वसूली भी की जा रही है लेकिन 90 प्रतिशत से ज्यादा में यह वसूली नहीं होती है। वहीं कुछ जगह यह सिर्फ हाट बाजार में अव्यवस्थित रूप से वसूली तक सीमित है इस कारण इसे वसूलना तय किया गया है इससे ग्रामीण सेवाओं व इन्फ्राट्रक्चर के विकास व विस्तार के लिए फीस वसूली बहुत जरूरी मानी गई है।
संपत्ति कर का दायरा भी बढ़ाना तय
दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति कर का दायरा भी बनाना तय किया गया है इसके तहत भी ग्रामीण विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं इसमें अब छह हजार रूपये से ज्यादा मूल्य की कोई भी संपत्ति हो तो उस पर टैक्स लगेगा। इसके अलावा निगम, मंडल, बोर्ड की सभी संपत्तियां जो ग्रामीण क्षेत्र के दायरे में है उन पर भी संपत्ति कर वसूला जाएगा अभी तक अधिकतर जगह इन्हें छूट थी। अब ग्रामीण क्षेत्र के संपत्ति कर निर्धारण को पूरी तरह से रिफार्म किया जाएगा इसमें भी अगस्त से क्रियान्वयन शुरू कर दिया जाएगा।
यह है मामला
ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने कलेक्टर को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि ग्राम पंचायतों में बाजार फीस नहीं लागू की गई है जबकि यह अनिवार्य है। मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 में ग्राम सभाओं व पंचायतों को अनिवार्य व वैकल्पिक फीस लगाने के अधिकार दिए गए हैं। इसमें बाजार फीस शामिल है लेकिन ग्राम पंचायतों में यह नहीं लगाई गई है इसलिए इसे लागू किया जाए। इसके लिए 31 जुलाई तक ग्राम पंचायतो का सर्वे करके ऐसे स्थान, व्यापारी की सूची बना लें जिन पर यह लागू की जानी है ग्रामीण विकास विभाग ने दो प्रोफार्मा भी भेजे हैं जिसमें यह पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट बनना है। इसमें कहां कितनी फीस लगाई जानी है सहित पूरा विस्तृत ब्यौरा ग्राम पंचायतों को दर्ज करना होगा। सरकार ने पंचायत समन्वय अधिकारी को संबंधित पंचायत और खंड पंचायत अधिकारी को संबंधित जनपद की फीस निर्धारण व वसूली की जिम्मेदारी देने के भी आदेश दिए हैं।
जिले की प्रमुख बड़ी पंचायतें
दमोह जिले की जो प्रमुख बड़ी पंचायतें हैं उसमें इस प्रक्रिया के अंतर्गत उन पंचायतों को काफी लाभ होने की उम्मीद है इन पंचायतों में प्रमुख रूप से ग्राम पंचायत बटियागढ़, जबेरा, बनवार, बांदकपुर, रनेह, कुम्हारी, मडियादो, गैसाबाद, केरबना, किशनगंज, नरसिंहगढ़, तेजगढ़, तारादेही, समनापुर, झलौन, अभाना, इमलिया, सिंग्रामपुर, नोहटा, फतेहपुर, बांसा तारखेडा आदि प्रमुख हैं।
इनका कहना है
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में टैक्स वसूली के संबंध में सर्वे कर 31 जुलाई तक जानकारी शासन को भेजना है।
एसकृष्ण चैतन्य
कलेक्टर, दमोह