नईदुनिया प्रतिनिधि, दमोह। दमोह जिले में लगातार हो रही तीन दिन से बारिश के कारण जहां समूचा जनजीवन अस्त-व्यस्त है। वहीं, व्यारमा नदी लगातार ही अपने उफान पर है और इस कारण से व्यारमा नदी से लगे हुए लगभग 24 गांव इस बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। वहीं जिला प्रशासन द्वारा लगातार ही व्यारमा नदी के किनारे बसे हुए लोगों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। सोमवार की रात से लगातार हो रही बारिश का क्रम अभी भी निरंतर जारी है।
कभी धीमी तो कभी तेज गति से होने वाली बारिश के कारण जिले के सभी नदी नाले उफान पर हैं, लेकिन व्यारमा नदी का जलस्तर इस मामले में लगातार ही बढ़ता जा रहा है जिससे तेंदूखेड़ा तहसील के 18 और दमोह तहसील के 6 गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं और यहां पर लगभग 50, 000 लोगों के प्रभावित होने से करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
इसी प्रकार मंगलवार को भी व्यारमा नदी का उफान लगातार बढ़ने से हटा तहसील के ग्राम कुंवरपुर, सेमरी वर्धा सहित अनेक ग्रामों में लगातार जल स्तर बढ़ने से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। नदी के साथ-साथ जल का फैलाव होने से खेतों में भी पानी भर गया है और अनेक सड़क मार्ग भी बंद हो चुके हैं। इसी तरह पटेरा विकासखंड के ग्राम बिला खुर्द में भी व्यारमा नदी का जल स्तर बढ़ने से स्थिति काफी गंभीर हो रही है।
इस तेज बारिश के चलते तेंदूखेड़ा विकासखंड के जबलपुर सागर नेशनल हाईवे पर स्थित झापन गांव का सड़क मार्ग का पुल क्षतिग्रस्त होने से और व्यारमा नदी के तेज बहाव के चलते पुल का एक हिस्सा बह जाने से सड़क पर आवागमन पूर्ण रूपेण बंद हो गया है और इसके शीघ्र ही प्रारंभ होने की भी संभावना कम है। जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण पिछले 24 घंटे में अधीक्षक भू अभिलेख श्रीमती वर्षा दुबे के अनुसार 24 घंटे में 7 इंच बारिश हो चुकी है जो कि पिछले वर्ष की तुलना में काफी काफी अधिक है। वर्तमान में जहां 1 जून से लेकर 30 जुलाई तक 29 इंच बारिश हो चुकी है वहीं पिछले वर्ष की तुलना में 12 इंच बारिश अधिक हुई है और अभी भी लगातार बारिश का दौर जारी है।
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने लगातार हो रही बारिश के कारण जहां राजस्व, पुलिस, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, विद्युत मंडल सहित अन्य विभागों को भी इस मामले में अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेष रूप से जिले की नदियों के किनारे बसे हुए ग्राम वासियों को भी इस मामले में सतर्क रहने के की अपील की है और लोगों से कहां है कि वह किसी भी हालत में नदी नाले पर पानी होने की स्थिति में उससे दूर ही रहे। बुधवार को कलेक्टर ने बाढ़ प्रभावित कुछ ग्रामों का भी निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को इस मामले में दिशा निर्देश दिए।
वहीं, उन्होंने इस संपूर्ण बाढ़ की स्थिति की समीक्षा कर शासन को अन्य राहत कार्य उपलब्ध कराने के लिए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। प्रशासन द्वारा जहां अभी तक इस मामले में 345 मकान आंशिक रूप से और 225 मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने की जानकारी का आकलन किया है। वही 23 पशुओं के मरने की भी जानकारी प्राप्त हुई है। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा 10 ग्रामों में अस्थाई राहत शिविर भी प्रारंभ किए गए हैं।
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