नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। दमोह जिले के दोनी ग्राम में एक प्राचीन टीले में हुए उत्खनन कार्य के दौरान भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण पुरावशेष प्राप्त हुए हैं। ये पुरावशेष हजारों वर्ष पुराने बताए जा रहे हैं, जो स्थापत्य कला की अद्वितीय उत्कृष्टता को दर्शाते हैं और क्षेत्र के गौरवशाली अतीत को पुनः जीवित करते हैं।
यह खोज संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र लोधी के निर्देशन में हुई है। उनकी पहल पर पुरातत्व विभाग द्वारा टीले पर सफाई और रखरखाव का कार्य शुरू कर दिया गया है, ताकि इन अमूल्य धरोहरों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। प्रमुख प्रतिमाएं और उनका महत्व प्राप्त पुरावशेषों में कई विशिष्ट और भव्य मूर्तियां शामिल हैं। विशेषज्ञों के आकलन के अनुसार ये मूर्तियां लगभग 10वीं से 11वीं शताब्दी की हो सकती हैं और ये किसी विशाल शिव मंदिर का अभिन्न अंग रही होंगी।
इनमें प्रमुख रूप से ब्रह्मा, विष्णु, शिव, उमा-महेश्वर, पार्वती, अर्धनारीश्वर, वायुदेव, गज अप्सरा तथा विभिन्न नायिकाओं की हैं। इन प्रतिमाओं की बारीक नक्काशी और कलात्मकता तत्कालीन शिल्प कौशल की पराकाष्ठा को सिद्ध करती है। यह महत्वपूर्ण सफाई कार्य संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय की आयुक्त उर्मिला शुक्ला के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। इसका क्रियान्वयन संचालक पीसी महोबिया एवं प्रभारी उपयंत्री तथा साइट इंचार्ज सपन साहू की देखरेख में चल रहा है।