दमोह नईदुनिया प्रतिनिधि। देश में दो महात्मा हुए, एक महात्मा गांधी और दूसरी ज्योतिबा फुले। जिन्होंने भारत को एक नई दिशा दी। यह बात मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को महात्मा ज्योतिबाई फुले की जयंती समारोह के मौके पर दमोह में आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
स्थानीय पालीटेक्निक कालेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपये के निर्माण कार्यों का भूमि पूजन किया और फिर मंच पर पहुंचकर कन्या पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की गई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर घोषणा की कि महात्मा ज्योतिबाई फुले के नाम पर सीएम राइज स्कूल का नाम रखा जाएगा। इसके अलवा महात्मा फुले के जीवन के संबंध में अनेक बातें कहीं। साथ ही बटियागढ़ ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने की घोषणा भी मुख्यमंत्री के द्वारा की गई। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री के साथ अन्य मंत्रियों ने मंच संचालन किया और अपनी बात रखी।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने के कहा कि मध्यप्रदेश के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई की जीवनी शामिल होगी। ताकि बच्चों को पता चल सके कि ज्योतिबाफुले कौन थे और उन्होंने इस समाज के लिए क्या किया। दमोह में ज्योतिबा फुले के नाम से सीएम राइज स्कूल की मांग को पूरा किया जाएगा। ज्योतिबा फुले की जयंती पर हर वर्ष एच्छिक अवकाश भी प्रत्येक वर्ष होगा। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधनिक आयोग का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना शिक्षा के सब अधूरा। महिलाओं की शिक्षा में नई क्रांति ज्योतिबा फुले ने पैदा की थी उन्होंने विधवा पुनर्विवाह की मुहिम चलाई। सभी वर्गों की हालत सुधारने के लिए लगातार संघर्ष किया। 1888 में मुंबई में हजारों की संख्या में सभी ने एक स्वर से सभी ने महात्मा की उपाधि दी। इसलिए ऐसे महापुरुषों ने हमारे देश को धन्य किया। दलितों के कल्याण, पिछड़े वर्ग के लिए आवाज उठाई है इसलिए मध्यप्रदेश सरकार ने तय किया कि हर वर्ष उनकी जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।
कार्यक्रम के दौरान दमोह सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, प्रदेश शासन में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, राज्यमंत्री रामखिलावन पटेल, मंत्री भरत सिंह कुशवाहा के साथ जिले की तीनों विधानसभाओं के विधायक व पूर्व मंत्री की मौजूदगी रही।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने सामाजिक विषमताओं को दूर करने का बीड़ा उठाया था। श्री पटेल ने कहा कि हम हमेशा कहते हैं कि हम पिछड़े हैं।