अनूप जाट
इंदरगढ़। नईदुनिया प्रतिनिधि।
दतिया। जिले के इंदरगढ़ को 32 साल में नगर परिषद व तहसील का दर्जा सहित महाविद्यालय सहित अन्य सौगात मिली हैं। लेकि न यह सौगात धरातल पर नहीं उतरी। ग्राम पंचायत से नगर परिषद और उप तहसील से तहसील तक सफर पूरा कर चुके इंदरगढ़ नगर का विकास कागजों में भले ही हो रहा है। लेकि न वास्तविक धरातल पर यह नगर आज भी कई आवश्यक और मूलभूत सुविधा के अभाव में समस्याओं से जूझ रहा है। इस कारण स्थानीय नागरिक के साथ आसपास गांवों की जनसंख्या परेशान है। वहीं इस बार कांग्रेस के विधायक घनश्याम सिंह के आने के बाद से लोगों को उम्मीद जागी है, कि शायद इस कार्यकाल में सभी सौगाते क्षेत्र की जनता को मिल सके ।
उल्लेखनीय है कि इंदरगढ़ को 15 अगस्त 1984 को नगर परिषद का दर्जा मिलने के साथ ही नगर का विकास तेजी से होने लगा हैं, साथ ही आबादी भी बढ़ने लगी। इसी के चलते प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इंदरगढ़ को पूर्ण तहसील का दर्जा भी दिलवा दिया। इतना ही नहीं जून 2012 में इंदरगढ़ में शासकीय महाविद्यालय की भी स्थापना हो गई, लेकि न यह सभी विकास कार्य वर्तमान में महज दिखावा बनकर रह गए हैं। नगर की 30 हजार से अधिक आबादी सहित तहसील के 117 गांवों में आज तक मूलभूत सुविधा नहीं है। ऐसी स्थिति में विकास कार्य कै से होंगे। हालांकि इस बार कांग्रेस की सरकार आने से लोगों को विकास की उम्मीद जागी है। अब देखना यह है, कि कांग्रेस विधायक घनश्याम सिंह इस ओर कोई ठोस कदम उठाते है या नहीं।
नहीं बनाई जा रहीं नालियां
नगर को 15 अगस्त 1984 को नगर पंचायत का दर्जा प्राप्त हुआ था। इसके साथ इंदरगढ़ की आबादी में भी तेजी से बढ़ोतरी होने लगी। सीसी रोड और नालियों के निर्माण तथा हैंडपंप के खनन तक ही नगर परिषद के विकास कार्य सीमित रहे। वर्तमान में इंदरगढ़ नगर जल निकासी तथा अवैध कॉलोनी की भीषण समस्या से जूझ रहा है। नगर परिषद अब तक सब्जी मंडी, मीट मंडी तथा हॉकर्स जोन को बनाने में विफल रही है। इतना ही नहीं पूरे नगर में न तो कोई पार्क स्थल है और न ही कोई पिकनिक का स्थान। यहां संचालित लाइब्रेरी भी दस साल से बंद है। इस कारण यहां रहने वाले छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
महिला डॉक्टर का अभाव
वर्षों से महिला चिकि त्सक को पदस्थ करने की मांग पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। महिला डॉक्टर के अभाव में इतनी बड़ी आबादी तथा क्षेत्र की महिलाएं प्रसव के लिए नर्स तथा भगवान के भरोसे हैं। वहीं प्रसवकाल में मामूली सी समस्या होने के कारण प्रसूता को दतिया तथा ग्वालियर जाना पड़ता है। उधर अस्पताल में नर्सों के जरिए डिलेवरी कराई जाती है ऐसी स्थिति में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। इस ओर स्वास्थ्य विभाग का कोई ध्यान नहीं है।
नहीं बना खेल मैदान
इंदरगढ़ नगर में वर्तमान में एक भी खेल मैदान नहीं है। नगर के प्रतिभावान खिलाड़ी खाली खेतों में क्रिके ट बॉलीवॉल की प्रैक्टिस करते देखे जा सकते हैं। सही खेल मैदान और व्यवस्था न मिलने के कारण नगर की प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। जनप्रतिनिधि भी नहीं दे रहे ध्यान। वहीं इस संबंध में कई बार स्थानीय खिलाड़ियों की ओर से प्रशासन को भी अवगत कराया गया है, लेकि न इसके बावजूद भी समस्या जस की तस बनीं हुई है।
तहसील भवन का निर्माण अधूरा
तहसील भवन उद्घाटन दिनांक10 अप्रैल 2013
लागत 45 लाख की लागत से तहसीलदार कक्ष, कार्यालय, कम्प्यूटर कक्ष, दो हॉल, दो शौचालय वाले महिला एवं पुरुष प्रसाधन,बरामदा आदि बनना है, लेकि न अभी तक यह काम भी पूरा नहीं हो सका है। इंदरगढ़ तहसील के अन्तर्गत 115 गांव आते हैं। इनमें लगभग हजार हेक्टेयर कृषि तथा राजस्व भूमि है। इंदरगढ़ की तीस हजार आबादी सहित लगभग 500 हेक्टेयर कृषि भूमि है। इसके अतिरिक्त नो.ड्यूज, प्रमाणीकरण, कम्प्यूटर नकल सहित तहसील से जुड़े अन्य तमाम प्रकरणों में सैकड़ों लोग तहसील कार्यालय प्रतिदिन आते हैं।
कॉलेज का निर्माण पूर्ण नहीं
महाविद्यालय के नवीन भवन निर्माण के लिए 650 लाख की राशि पूर्व में ही स्वीकृत हो चुकी है। निर्माण ऐजेन्सी पीडब्ल्यूडी पीआईयू विभाग भवन निर्माण हेतु अगले सप्ताह ही टैंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। महाविद्यालय भवन निर्माण हो जाने से नगर तथा क्षेत्र के हजारों छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा।
जलावर्धन योजना
नगर के लिए 22 करोड़ 40 लाख रुपए लागत की जलावर्धन योजना स्वीकृत की गई है। इसके तहत पूरे शहर में घर घर पानी उपलब्ध कराने विभिन्न कार्य कि ए जा रहे हैं। इसमें नगर के 15 वार्डों में पाइप लाइन डाली जा रही है। इसकी ठेके दार को मरम्मत भी करना है, लेकि न मरम्मत तो दूर काम भी पूरा नहीं कि या जा रहा है। इस कारण लोगों को पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है।
रेन बसेरा व प्रतिक्षालय
नगर परिषद द्वारा रैन बसेरा के निर्माण को लेकर ठहराव प्रस्ताव पारित कर चुकी है। रैन बसेरा के निर्माण के लिए शीतला मंदिर से सटी पुराने पोस्ट ऑफिस वाली जमीन को चिन्हित भी कर लिया गया था। मई 2016 को रैन बसेरा के निर्माण के लिए लाइसेंस धारी कंसल्टेंट एजेंसी द्वारा रैन बसेरा की डिजाइन और प्रस्तावित कार्य योजना तैयार की। लेकि न अभी तक स्टीमेट एवं टेंडर की प्रक्रिया तक चालू नहीं हो पाई है 5 साल पहले नगर परिषद नेहरा प्रस्ताव पास कि या था, लेकि न अधिकारियों कि अनदेखी से आज तक रेन बसेरा एवं प्रतीक्षालय का निर्माण कार्य चालू नहीं हो सका। इसके साथ ही यहां पर अभी तक गौशाला का भी निर्माण नहीं हुआ है।
इनका कहना है
बस स्टैंड के लिए कलेक्टर को जमीन नगर परिषद को देने के लिए कहा है। तहसील भवन का निर्माण ही शीघ्र पूर्ण कराया जाएगा महिला डॉक्टर के बारे में स्वास्थ्य मंत्री से बात करुंगा जो भी अधूरे काम पड़े है।ं अति शीघ्र पूर्ण कराए जाएंगे
कु ंवर घनश्याम सिंह विधायक सेंवढ़ा
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