
नईदुनिया प्रतिनिधि, दतिया। पीतांबरा मंदिर के निर्माणाधीन मुख्य द्वार के आठ पिलर बुधवार रात अचानक ढह गए। गनीमत यह रही कि उस दौरान निर्माण कार्य बंद हो चुका था, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता। निर्माणाधीन मुख्य द्वार का एक हिस्सा अचानक तेज धमाके जैसी आवाज के साथ भरभराकर ढहा तो मंदिर में मौजूद दर्शनार्थी भी दहल गए।
सभी जब निर्माण स्थल की ओर पहुंचे तो वहां गेट के लिए तैयार किए जा रहे 12 पिलरों में से आठ पिलर पूरी तरह ढहकर जमींदोज नजर आए। पीतांबरा पीठ पर यह निर्माण कार्य लगभग एक वर्ष से चल रहा है। मुख्य द्वार के लिए इन पिलरों को तैयार किया जा रहा था।
गनीमत रही कि हादसे के समय आसपास कोई मजदूर मौजूद नहीं था, वरना बड़ा जानमाल का नुकसान हो सकता था। घटना के बाद पूरा क्षेत्र धूल से भर गया।

हादसे के बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पिलरों के इस तरह गिर जाने से तकनीकी खामियों, डिजाइन त्रुटियों और निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल किए जाने लगे हैं। फिलहाल निर्माण से जुड़े अधिकारी और ठेकेदार स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने स्थिति का निरीक्षण किया।
बता दें कि मंदिर के सुंदरीकरण कार्य के तहत दाे मुख्य द्वार आने और जाने के लिए बनाकर तैयार किए जाने का कार्य लगभग एक वर्ष से चल रहा है।
इस कार्य को देखते हुए मंदिर के प्रमुख सिंहद्वार को पूरी तरह बंद कर दिया गया था। निर्माण स्थल भी सुरक्षा की दृष्टि से चारों तरफ से पीठ प्रबंधन ने कवर करा रखा था, ताकि श्रद्धालुओं का आवागमन उस ओर न हो सके। वहीं जब हादसा हुआ तब रोजमर्रा का काम कर मजदूर भी जा चुके थे।
पीतांबरा पीठ पर मुख्य द्वार निर्माण कार्य के दौरान बनाए गए आठ पिलर तकनीकी खामी के कारण गिरे हैं। संभवत उन पर अधिक भार आने के कारण यह हुआ है। इसे लेकर जांच कराई जाएगी, ताकि आगे निर्माण कार्य में कोई खामी न रह सके। यह कार्य उदयपुर की रुपम कंस्ट्रेक्शन कंपनी कर रही है।
महेश दुबे, व्यवस्थापक पीतांबरा पीठ दतिया।