नईदुनिया प्रतिनिधि, दतिया। जिले के रिछरा गांव में केवाईसी (KYC) के नाम पर सैकड़ों ग्रामीणों से फिंगरप्रिंट लगवाकर उचित मूल्य की दुकान के सेल्समेन ने उन्हें तीन महीने का राशन नहीं दिया। इस धोखाधड़ी से परेशान ग्रामीण मंगलवार को कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े के पास पहुंचे और पूरी बात बताई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सेल्समेन ने POS मशीन पर सभी से अंगूठा लगवाकर कहा कि यह केवाईसी के लिए है, लेकिन इसके बाद जब राशन वितरण का समय आया, तो वह टालमटोल करने लगा और राशन नहीं बांटा।
ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने रिछरा की उचित मूल्य दुकान को अस्थायी रूप से तिजौरा स्थित जय मां दुर्गा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान से अटैच कर दिया। अब वहां से राशन वितरण किया जाएगा।
यह मामला KYC के नाम पर राशन वितरण में गड़बड़ी और POS मशीन से फर्जीवाड़े का गंभीर उदाहरण है। ग्रामीणों ने कहा कि तीन महीने का राशन न मिलने से उनके परिवार भरण-पोषण के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
जनसुनवाई के दौरान अन्य कई गंभीर मामलों पर भी कलेक्टर ने त्वरित कार्रवाई की। इस बार कुल 111 आवेदन आए, जिनमें सीमांकन, बिजली, पेंशन और नामांतरण से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रहीं।
शा. मा. वि. बिछोंदना भांडेर की शिक्षिका राजकुमारी पांडे ने बताया कि वह किडनी रोग से ग्रसित हैं और इलाज के लिए उन्होंने जीपीएफ पार्ट फाइनल के भुगतान के लिए आवेदन दिया था, जिसे 25 अप्रैल को स्वीकृत कर दिया गया, लेकिन अभी तक राशि नहीं मिली। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को तत्काल निराकरण के निर्देश दिए।
ग्राम कंधारी निवासी पार्वती लोधी ने बताया कि एसडीएम ने उनके वसीयत के आधार पर नामांतरण के आदेश 23 मई को दिए थे, जिसकी प्रति हल्का पटवारी को भी दी गई थी, लेकिन आज तक आदेश का अमल नहीं किया गया। इस पर कलेक्टर ने दतिया एसडीएम को निर्देश दिए।
अंकिता मरावी ने बताया कि उन्हें 2 अगस्त 2024 से अब तक वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके जीवनयापन में कठिनाई हो रही है। इस पर कलेक्टर ने सीएमएचओ को कार्रवाई के निर्देश दिए।