नईदुनिया प्रतिनिधि, दतिया। इन दिनों लगातार बारिश से नदी, नालों सहित रपटों के आसपास का जलस्तर बढ़ने लगा है। नदी क्षेत्रों में बने रपटे बारिश के दिनों में पानी में डूब गए हैं। रविवार रात सिंध नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद सेवढ़ा में बना छोटा पुल इस सीजन में दूसरी बार डूब गया। जिसके चलते रात में प्रशासन ने इस पुल से आवागमन बंद करा दिया। आवागमन बंद होने से भिंड और ग्वालियर से सेवढ़ा का संपर्क टूट गया। इधर पहुज के उफान में धमना का पुल रपट बह गया। जिसके चलते कई गांवों का आवागमन यहां से थम गया।
सिंध का जलस्तर बढ़ने के बाद सेवढ़ा के 22 गांवों में अलर्ट कर दिया गया है। हरसी बांध, समोहा पिकअप, मोहिनी पिकअप द्वारा रविवार देर शाम 2094 क्यूमेक पानी सिंध में छोड़ा गया। इसका असर सेवढ़ा नगर और सिंध नदी से सटे 22 गांव में देखा गया। 2021 की बाढ़ के बाद से प्रशासन नदी के बढ़ते जल स्तर को लेकर काफी सतर्क रहता है। इसीलिए सेवढ़ा एसडीएम तहसीलदार के साथ सभी हल्का पटवारी सचिव ने रात भर नदी से लगे इलाके में गुजारी। मुनादी हुई और सीमावर्ती इलाकों से कृषक पशु पालकों को हटाया गया।
एसडीएम अशोक अवस्थी के अनुसार सेवढ़ा नगर में पानी नदी से बाहर निकल कर बस्ती के निचले इलाकों की ओर बढ़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में अभी नदी की हद में है। हालांकि कुछ जगह पानी कटाव से आगे बढ़ा है। रतनगढ़ और सेवढ़ा में आपदा चौकी के सैनिक पुलिस बल के साथ लगातार ड्यूटी पर डटे हुए हैं। यहां रोकने के बावजूद सेवढ़ा में इंटरनेट मीडिया पर रील स्टोरी डालने वाले नदी के करीब तक जाने से बाज नहीं आ रहे हैं।
जनपद पंचायत सेवढ़ा में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया गया है। ब्लॉक के 22 गांव बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील माने गए हैं। इनमें सेवढ़ा तहसील के जरा, विजोरा, कंदरपुरा, डीमरपुरा, मदनपुरा, महरीली, विड़ोरा, भोवईबुजुर्ग, अतरेटा, धुवाई, बुढ़ेरा, टोड़ापहाड़, बेरछा, रुहेरा, खमरोली शामिल हैं। टोड़ापहाड़ गांव में जल संसाधन विभाग का तालाब भी बाढ़ का कारण बन सकता है। इसके अलावा पाली (सुनारी), लांच, कंजोली, पचेराबुजुर्ग, खेरोनाघाट, अण्डोरा (बिलासपुर) और कुलैथ गांव भी बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। इन सभी गांवों के पास से सिंध नदी बहती है जिससे खतरा बना हुआ है।
पहुज नदी के तेज बहाव में धमना का पुल बह गया। जिससे आसपास के दो दर्जन गांवों का सम्पर्क टूट गया। एमपी और यूपी बॉर्डर पर बना पुल तेज बहाव में बहने से बैदारी, खिरिया, नौवई, कुल्हरिया, बेंदा, पिपरऊआ, अस्टोट, मुरिया और सरसई का सम्पर्क टूट गया। पहुज नदी पर बने पुल के साइड सोल्डर्स रविवार को उफान पर आई पहुज नदी के चलते ढह जाने के चलते वर्तमान में यह पुल दो हिस्सों में कट गया है। ऐसे में लोगों द्वारा इसे पार करने से रोकने के लिए सरसई थाना पुलिस ने धमना साइड से स्टॉपर्स लगा कर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए हैं। भांडेर से झांसी जाने के लिए तीन रास्ते हैं। पहला रास्ता चिरगांव होकर, दूसरा रास्ता उनाव से होकर तथा तीसरा सरसई के रास्ते धमना होकर झांसी पहुंचा जा सकता है। लेकिन धमना पुल के रास्ते तीनों रास्तों में वाहन चालक को सबसे कम दूरी तय करनी होती है। लेकिन अब लोगों के लिए फिलहाल यह विकल्प भी बंद हो गया है।
इधर बसई क्षेत्र में भी गुहेरा तालाब बारिश से लबालब हो जाने के बाद भी वहां से ग्रामीणों के साथ छोटे बच्चे भी जान जोखिम में डालकर गुजर रहे हैं। यह स्थिति कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकती है। अगर समय रहते सतर्कता में देरी हुई तो यहां अप्रिय स्थिति की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं भांडेर में शाहपुर रपटा लगातार सात दिन से ओवरफ्लो चल रहा है। जबकि हंसापुर बांध में भी युवक तेज धार के नीचे नहाने पहुंच रहे हैं। जिसके चलते यहां भी हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए यहां सुरक्षा प्रबंधों की अब आवश्यकता महसूस की जाने लगी है। पिछले साल भी पहुज नदी के शाहपुर रपटे पर आधा दर्जन हादसे हुए थे। इसके बाद इस बार यहां सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए गए हैं।