नागपंचमी विशेष : नेवरी-बागली मार्ग पर बरोठा फाटा पर स्थित हैं प्राचीन मंदिर है, आज होगी पूजा-अर्चना
नेवरी। नागपंचमी का पर्व मंगलवार को धार्मिक रीति रिवाजों के अनुसार मनाया जाएगा। नेवरी के प्राचीन नागेश्वर मंदिर में इस दिन दूर-दूर से भक्त दर्शन और पूजन के लिए आते हैं। नेवरी-बागली मार्ग पर बरोठा फाटा पर प्राचीन नागेश्वर मंदिर स्थित है। मंदिर पर दूर दराज से कई भक्त अपनी मनोकामना लेकर आते हैं।
मान्यता है कि नाग देवता उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। मंदिर के पुजारी जगदीश दास महाराज ने बताया कि यह चमत्कारी मंदिर है। उनका दावा है कि वे सर्पदंश से पीड़ित कई लोगों की जान बचा चुके हैं। वे बताते हैं कि वह सन 1990 से यहां मंदिर पर पूजा-अर्चना करते आए हैं। नागेश्वर मंदिर पर बड़ी दूर-दूर से कई लोग जहरीले जानवर के काटे जाने पर आते हैं।
हर्षोल्लास से मनाया जाता है नागपंचमी का पर्व
नागपंचमी का त्योहार 2 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन नाग देवता की फल, फूल, प्रसाद और मंत्रों के साथ सर्पों की पूजा की जाएगी।दुग्ध स्नान कराया जाएगा।नागपंचमी के अवसर पर रुद्राभिषेक का भी खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और नाग देवता पृथ्वी को संतुलित करते हुए मानव जीवन की रक्षा करते हैं। जगदीश दास महाराज ने बताया कि सभी ग्रामीण मंगलवार को सुबह नाग पंचमी के त्योहार पर नागेश्वर मंदिर पर पूजा अर्चना करेंगे । इस दिन पूरे गांव में धार बंद रहेगी। नाग पंचमी के दिन मंदिर पर हवन पूजन व दुग्ध अभिषेक कर नाग देवता की पूजा की जाएगी। नागराज को प्रसन्ना करने से भोलेनाथ भगवान शंकर भी प्रसन्ना हो जाते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।