सोनकच्छ(नईदुनिया न्यूज)। यहां से 8 किलोमीटर दूर पर स्थित है ग्राम गंधर्वपुरी। जहां मां भुवनेश्वरी की अलौकिक प्रतिमा के दर्शन के लिए भक्तों का मेला लगा हुआ है। गांव के राकेश चौधरी ने बताया कि मां भुवनेश्वरी की प्रतिमा भूमि से मिली थी इसीलिए माता का नाम भुवनेश्वरी रखा गया। इसी नगर में वर्ष में दो बार सामूहिक शक्ति आराधना होती है। चैत्र नवरात्रि में मेला प्रांगण में मां भुवनेश्वरी का शतचंडी यज्ञ होता है। मंदिर में माताजी की अखंड ज्योत प्रज्वलित है।
गांव में एक अति प्राचीन शिव मंदिर भी है। जिसे यहां पर राजाजी के मंदिर के नाम से जाना जाता है। जिसका निर्माण गुप्तकाल राजवंश के 16वीं शताब्दी में हुआ था। स्कूल संचालक जितेंद्र सोलंकी ने बताया कि इस नगर में एक अति प्राचीन पुरातात्विक मूर्तियों का संग्रहालय भी बना हुआ है। जहां पर जैन, शैव, वैष्णव, शक्ति की पाषाण प्रतिमा रखी गई है। नवरात्र में भक्त दर्शन के लिए बहुत दुर-दुर से आते हैं। प्रति वर्ष मां भुवनेश्वरी के लिए गांव में चुनरी यात्रा का आयोजन भी होता है।
गरबा पंडालों में गूंजने लगी डांडियों की खनक
हाटपीपल्या। गरबा पंडालों में गरबे का रंग जमने लगा है। युवतियों एवं बालिकाओं के द्वारा पंडालों में गरबा नृत्य के माध्यम से मनमोहक प्रस्तुतियां दी जा रही है। जिसकी खनक पंडालों मे गूंजने लगी है। गरबों को निहारने के लिए बड़ी संख्या में महिला पुरूष पहुंच रहे हैं। इसी प्रकार सपूर्ण अंचल में इस धार्मिक पर्व के दौर में गरबों की धूम छाई हुई है। स्थानीय गायत्री मंदिर में जारी नौ कुंडी गायत्री महायज्ञ व अनुष्ठान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर धर्म लाभ ले रहे हैं। साथ ही अन्य माता के मंदिरों में भी दर्शनार्थी पहुंच रहे है। शाम ढलते ही गरबा पंडालों में डांडियों की झंकार सुनाई देती है। ग्रीन पार्क कालोनी मे गरबे का भव्य आयोजन हो रहा है। जिन्हें देखने के लिए महिलाओं व पुरुषों की भीड़ रहती है। डा. मुखर्जी चौक, नृसिंह घाट चौराहा, बजरंग चौराहा, नया बाजार, पुराना बस स्टैण्ड, तहसील चौराहा, लालबाई फुलबाई माता मंदिर, देवगढ रोड, गुरीया रोड आदि स्थानों पर गरबों के आयोजन हो रहे हैं।
माता को चुनरी ओढ़ाई
सुन्द्रेल-बिजवाड़। सुंदरेश्वरी महिला मंडल सुन्द्रेल ने इस वर्ष भी 101 मीटर की चुनरी बैंडबाजों के सासाथ यात्रा निकालकर माता को चढाई गई। मंडल की पदाधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले यात्रा माता मंदिर पीपल चौक से बजरंग मंदिर तक पहुंची। इसके बाद बजरंग मंदिर से सुंदरेश्वर मंदिर पहुंची। जयश्रीगणेश मित्र मंडल द्वारा पूरे मार्ग में पुष्पवर्षा की। यात्रा का जगह जगह स्वागत हुआ।