देवास। देवास लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के प्रहलाद टिपानिया को 3 लाख 72 हजार से ज्यादा वोटों से पराजित किया। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 19 मई को देवास लोकसभा सीट पर मतदान हुआ था। इस चरण में मध्यप्रदेश की दूसरी सीटों पर हुए मतदान के मुकाबले यहां सबसे ज्यादा 79.44 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले चार महीने से अधिक समय से देवास लोकसभा सीट बिना सांसद के हैं। 2014 में सांसद बने मनोहर ऊंटवाल ने विधानसभा चुनाव में आगर विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। अब देवास संसदीय क्षेत्र के लोगों को नया सांसद मिल पाएगा।
देवास लोकसभा सीट का इतिहास
1951 से 2014 तक हुए चुनावों में कई बार भाजपा रिकॉर्ड वोटों से जीती। यहां से कांग्रेस 1951, 1957, 2009 समेत चार बार ही जीत पाई। वर्ष 1971 से 2004 तक भाजपा ने लगातार 10 चुनाव जीते। सबसे ज्यादा बार जीतने का रिकॉर्ड जनसंघ व भाजपा के फूलचंद्र वर्मा के नाम रहा। जिन्होंने लगातार पांच बार जीत हासिल की, जबकि मौजूदा केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत 1996 से 2004 तक चार चुनाव जीते। गेहलोत की जीत का सिलसिला 2009 में कांग्रेस के सज्जनसिंह वर्मा ने तोड़ा। 2014 में भाजपा ने फिर सीट पर कब्जा जमाया और मनोहर ऊंटवाल ढाई लाख वोटों से जीते थे। शाजापुर, देवास, सीहोर व आगर जिले की आठ सीटें देवास संसदीय क्षेत्र में शामिल हैं। इनमें शाजापुर जिले की शाजापुर, शुजालपुर व कालापीपल, देवास जिले की देवास, सोनकच्छ व हाटपीपल्या, आगर जिले की आगर एवं सीहोर जिले की आष्टा विधानसभा शामिल हैं। इसमें देवास, शुजालपुर, आगर, आष्टा में भाजपा का कब्जा है जबकि सोनकच्छ, हाटपीपल्या, शाजापुर व कालापीपल विधानसभा सीटें कांग्रेस के कब्जे में हैं।
सीट देवास लेकिन परिणाम की घोषणा शाजापुर से
करीब 53 साल के लंबे इतिहास के बाद शाजापुर का नाम गायब हो गया और अब सिर्फ देवास सीट रह गई है। वर्ष 1951 में यह सीट शाजापुर-राजगढ़ संसदीय क्षेत्र के नाम से पहचानी जाती थी, जो 1957 से 1971 तक शाजापुर संसदीय क्षेत्र हो गई। 1977 में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई और नाम बदलकर शाजापुर-देवास संसदीय क्षेत्र हो गया। वर्ष 2004 तक इसी नाम से चुनाव हुए लेकिन 2008 में परिसीमन होने से सीट का नाम बदलकर सिर्फ देवास सीट कर दिया गया। 2009 एवं 2014 के चुनाव इसी नाम से हुए। परिसीमन में देवास सीट से आगर जिले की सुसनेर विधानसभा सीट को राजगढ़ सीट में शामिल कर लिया गया। खास बात ये है कि भले ही सीट का नाम देवास हो लेकिन नामांकन दाखिल होने से लेकर परिणाम घोषणा तक शाजापुर से ही होगी।