नईदुनिया टीम. देवास। चंद्रकेशर डेम कांटाफोड़ के समीप महिला श्रमिकों से भरी एक ट्रैक्टर-ट्राली तेज गति के कारण अनियंत्रित होकर बुधवार को पलट गई। ट्राली में ग्राम बधावा की 40 से अधिक महिलाएं सवार थीं जो हास्याखेड़ी की नर्सरी में काम करने जा रही थीं। हादसे में 30 से अधिक महिलाएं घायल हो गईं। गनीमत यह रही कि किसी को गंभीर चोट नहीं आई, न ही किसी प्रकार की अप्रिय घटना हुई।
जब घायलों को कांटाफोड़ के सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया तो वहां पर उपचार के लिए डाॅक्टर नहीं मिले जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाद में दूसरी जगह से डाॅक्टर भेजकर उपचार करवाया गया। अधिकांश महिलाओं को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।
वहीं कुछ का उपचार चल रहा है। अस्पताल में स्थायी डाक्टर नहीं होने पर विरोध जताते हुए कांग्रेसजनों व आमजनों ने प्रदर्शन किया और स्वास्थ्य विभाग के विरुद्धा नारेबाजी करके डाॅक्टर की स्थायी नियुक्ति करने की मांग की।
बाद में अस्पताल में दो डाॅक्टरों की पदस्थापना की गई। कांटाफोड़ थाना प्रभारी सुरेखा निमोदा ने बताया हादसे के कारणों की जांच की जा रही है, अधिक सवारी बैठाने के मामले में भी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
कांटाफोड़ अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार हादसे में सुशीला, किरण, बसंती, ज्योति, चिंता, पुष्पा, आरती, आशा, इंद्रा, शांताबाई, अवंता, राधा, कंचन, निर्मला, सुमन, शहनाज, माया, शीला, नीमा, मीना, अनुसुइया, धापूबाई, सुनीता, गुंजी, रखिया सभी निवासी बधावा व कुछ अन्य महिलाएं घायल हुई हैं।
उधर स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांटाफोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बांड वाले डाक्टर की तैनाती रहती है। इसके अलावा सप्ताह में दो दिन मंगलवार व शुक्रवार को एक अन्य डाॅक्टर यहां सेवाएं देते हैं। बुधवार को जब हादसा हुआ तो बांड वाले डाॅक्टर यहां मौजूद नहीं थे, ऐसे में मरीज परेशान हुए।
हादसे की सूचना मिलने पर पानीगांव से डाॅक्टर भेजकर घायलों का उपचार करवाया गया। कांटाफोड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो डाॅक्टरों को पदस्थ करने के आदेश जारी किए गए हैं।
लोकेश मीणा, बीएमओ कन्नौद।