-दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व का प्रथम दिन -उत्तम क्षमा धर्म
देवास। नईदुनिया प्रतिनिधि
पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर कवि कालिदास मार्ग पर पर्युषण के प्रथम दिन पं. भागचंद शास्त्री ने उत्तम क्षमा धर्म का अर्थ समझाते हुए कहा कि क्षमावाणी पर्व का अपना एक अलग ही महत्व होता है। क्षमा पर्व हमें सहनशीलता से रहने की प्रेरणा देता है। अपने मन में क्रोध पैदा न होने देना और अगर हो भी जाए तो अपने विवेक से, नम्रता से उसे विफल कर देना क्षमा धर्म है। अपने भीतर आने वाले क्रोध के कारण को ढूंढकर क्रोध से होने वाले अनर्थों के बारे में सोचना और अपने क्रोध को क्षमारुपी अमृत पिलाकर अपने आप को और दूसरों को भी क्षमा की नजरों से देखना चाहिए। पं. शास्त्री ने कहा अपने से जाने अनजाने में हुई गलतियों के लिए खुद को क्षमा करना और दूसरों के प्रति भी इसी भाव को रखना इस पर्व का महत्व है। क्षमा पर्व मनाते समय अपने मन में छोटे बड़े का भेदभाव न रखते हुए सभी से क्षमा मांगना इस पर्व का उद्देश्य है। हम सब यह क्यों भूल जाते हैं कि हम इंसान हैं और इंसानों से गलतियां हो जाना स्वाभाविक है। ये गलतियां या तो हमसे हमारी परिस्थितियां करवाती है या अज्ञानतावश हो जाती है तो ऐसी गलतियों पर ना हमें दूसरों को सजा देने का हक है ना स्वयं को। यदि आपको संतुष्टि के लिए कुछ देना है तो दीजिए क्षमा। पंडितजी ने कहा क्षमा करने से आप दोहरा लाभ लेते हैं एक तो सामने वाले को आत्मग्लानी भाव से मुक्त करते हैं व दूसरा दिलों की दूरियों को दूर कर सहज वातावरण का निर्माण कर उसके दिल में फिर से अपने लिए एक अच्छी जगह बना लेते हैं। प्रवक्ता निलेश छाबड़ा ने बताया शुक्रवार सुबह सर्वप्रथम ध्वजारोहण किया गया, जिसका सौभाग्य पारसकुमार सतीशकुमार जैन इटावा के परिवार को प्राप्त हुआ। शुक्रवार पंचमी से ही दस दिवसीय दस लक्षण विधान प्रारंभ हुआ। मंगल कलश स्थापना का सौभाग्य स्वर्णलता केसी जैन टाटा परिवार, कल्पना स्वयं प्रकाश सेठी परिवार, मनोरमा नवीन जैन, प्रीति शैलेंद्र जैन, इंद्रमल पानोत एवं मुकेश जैन परिवार को प्राप्त हुआ। शांतिधारा का सौभाग्य मोहन जैन परिवार एवं मंगल आरती का सौभाग्य महेंद्रकुमार बाबूलाल जैन परिवार को प्राप्त हुआ। शाम को आरती के पश्चात सामूहिक संगीतमय भक्तामर का पाठ एवं भक्ति की गई। शनिवार शाम आरती के पश्चात दिगंबर जैन सोशल ग्रुप सतपथ द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।
फोटो 14 देवास 70ः ध्वजारोहण करते हुए समाजजन।
मिच्छामि दुक्कड़म कहकर एक-दूसरे से क्षमा याचना की
-पर्युषण महापर्व की पूर्णाहुति पर हुआ सामूहिक क्षमापना का आयोजन
-मंदिर का वार्षिक द्वार का हुआ उद्घाटन, 16 को निकलेगी वार्षिक रथ यात्रा
देवास। शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड पर आठ दिवसीय पर्युषण महापर्व की पूर्णाहुति पर सामूहिक क्षमापना का आयोजन हुआ। जैन समाज के समाजजनों ने एक-दूसरे से मिच्छामि दुक्कड़म कहकर गत वर्ष में मन, वचन, काया से हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी। सुबह 6 बजे मंदिर के द्वार का उद्घाटन साध्वी शीलगुप्ता श्रीजी एवं शीलभद्रा श्रीजी के सानिध्य में हुआ। इसका लाभ मांगीलाल छगनीराम जैन परिवार ने प्राप्त किया।
सुबह 10 बजे से मंदिर प्रांगण में सामूहिक क्षमापना का विशेष आयोजन हुआ। वक्ताओं ने अपनी गत वर्ष में हुई गलतियों के लिए सभी से क्षमायाचना की। कार्यक्रम केे अंतर्गत मंदिर व्यवस्था में सहयोग देने वाले कर्मचारियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट मंडल से शैलेंद्र चौधरी, अशोक जैन, नवयुवक मंडल से मुकेश चौधरी, भोजनशाला से दीपक जैन, म्यूजिकल ग्रुप से वैभव जैन, संस्था जैन जिनेंद्र से गौरव जैन, प्रभु अंग रचना मंडल से वीरेंद्र जैन, महिला मंडल से दीपा जैन, सामायिक मंडल से ललिता जैन, राजकुंवर जैन, सुलसा बहुमंडल से दीपाली जैन, मंदिर सजावट मंडल से राहुल कटारिया, बालिका मंडल से पूजा जैन, दिव्या कटारिया, वर्धमान पाठशाला से अमित जैन, माणिभद्र मंडल से प्रतीक चौधरी, महावीर मंडल से ऋषभ जैन ने क्षमा उद्बोधन देकर सभी से क्षमा याचना की। चंदना बालिका मंडल एवं शीलगु्रप मुंबई ने क्षमापना गीत प्रस्तुत किया। संचालन विजय जैन ने किया। आभार अनूप शेखावत ने माना।
आगामी कार्यक्रम
16 सितंबर को सुबह 7.30 से 8.30 तक श्रीसंघ की नवकारशी, 8.45 बजे वार्षिक रथ यात्रा निकाली जाएगी। 10 बजे मंदिर व्यवस्था संबंधित वार्षिक बोलिया बोली जाएगी। साधर्मिक भक्ति का भी आयोजन होगा। 15 सितंबर के लिए समग्र जैन समाज का नियम सोने से 15 मिनट पहले मोबाइल का उपयोग बंद कर शुभ चिंतन करना।
फोटो 14 देवास 71ः वार्षिक मंदिर द्वार के उद्घाटन के लिए जाते हुए श्रद्धालुओं का समूह।
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मां चामुंडा सेवा समिति के सेवा पंडाल का हुआ भूमि पूजन
-नवरात्रि में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगा महाप्रसाद
देवास। शारदीय नवरात्रि महापर्व पर मां चामुंडा सेवा समिति द्वारा दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को चौबीस घंटे महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। इसकी तैयारी समिति ने प्रारंभ कर दी है। समिति का पंडाल वन विभाग परिक्षेत्र शंख द्वार के समीप लगेगा। इसका भूमिपूजन शुक्रवार को किया गया। अतिथि के रुप में संत रामनारायण महाराज, पूर्णानंद महाराज, रामजी महाराज, महापौर सुभाष शर्मा, एसडीएम रजक, नरेंद्र मिश्रा, बंशीलाल व्यास, इंदरसिंह गौड़ उपस्थित थे। समिति के रामेश्वर जलोदिया ने बताया मां चामुंडा की असीम कृपा से दान-दाताओं के सहयोग से खाद्य सामाग्री का संग्रहण कार्य प्रारंभ हो चुका है।
फोटो 14 देवास 72ः सेवा पंडाल का भूमिपूजन करते हुए संतश्री व अन्य।