
नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास। जुजित्सु की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रोहिणी कलम की आत्महत्या के मामले में पुलिस जांच में जुटी है। रोहिणी का फोन लॉक होने के चलते उसे एफएसएल भेजा गया है, ताकि बिना डाटा डिलीट हुए लाक खुल सके। इसके अलावा उसकी कॉल डिटेल का सूक्ष्मता से विश्लेषण किया जा रहा है। अभी तक यही सामने आया है कि रोहिणी की ज्यादातर बातें कोच विजेंद्र खरसोदिया और मध्य प्रदेश जुजित्सु संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह से होती थी। दोनों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
मामले में समाजजन भी गहन जांच की मांग कर रहे हैं। बुधवार को जनजाति विकास मंच के नेतृत्व में जनजाति समाज ने मामले में एसपी पुनीत गेहलोद से मुलाकात की। उनको ज्ञापन देकर मांग की गई कि इस केस की न्यायिक जांच कर आत्महत्या के लिए उकसाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
रोहिणी के मोबाइल की सीडीआर निकालने, सुसाइड के पहले रोहिणी के कोच विजेंद्र खरसोदिया द्वारा छोटी बहन को फोन लगाकर कहना कि रोहिणी को जाकर देखो वह कुछ कर न ले, घटना के पहले जुजित्सु संघ के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह सोलंकी की रोहिणी से हुई बातचीत सहित अन्य गंभीर तथ्यों की जांच की मांग की गई।
सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश वास्केल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय जुजित्सु खिलाड़ी रोहिणी विश्व खेल में चुनी गई भारत की एकमात्र खिलाड़ी तथा भारत की पहली कोच थी। 19वें एशियाई जुजित्सु चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व कर कई पदक भी जीते थे। रोहिणी को यदि कोई समस्या थी तो वह माता-पिता, भाई-बहन को बताती, कोच को क्यों बताएगी कि अब मैं जीना नहीं चाहती। इस अवसर पर मनोहर कछवाहे, फौजी मगनसिंह भंवरा, समाजसेवी संजय शुक्ला, पप्पू सोलंकी, जितेंद्र कर्मा, हितेंद्र सिंह, महेश कलम आदि उपस्थित थे।
मामले में पुलिस जांच कर रही है और अब तक आए सभी बिंदुओं का अध्ययन किया है। बीएनपी थाना प्रभारी अमित सोलंकी ने बताया कि 30-05-2025 को रोहिणी का ओपन मायोमेटिमी बीमारी का ऑपरेशन हुआ था। पेट से ढाई किलो की गठान निकाली थी। इसमें चीरा लगाकर गठान निकालना पड़ती है। इसके बाद से ही रोहिणी को लगातार दर्द था। रोहिणी से जुड़े लोगों का भी यही कहना है कि बीमारी के बाद से वह परेशान थी। इसका असर खेल पर भी पड़ा था। कोच विजेंद्र खरसोदिया से बात कर उसके कथन लिए। उसके मोबाइल की चैटिंग आदि देखी, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
इसी तरह प्रीतम सिंह के मोबाइल की डिटेल भी निकाली। उसने खुद ही सबकुछ साझा किया। प्रीतम ने पुलिस को बताया कि रोहिणी का उसके परिवार से भी संबंध था। अक्सर घर आना-जाना होता था। प्रीतम के परिवार के साथ रोहिणी और उसकी माता मंदिर में दर्शन के लिए भी जाती थीं। इसके फोटो, वॉट्सएप के स्क्रीनशाट भी उपलब्ध करवाए गए हैं।
प्रीतम के अनुसार रोहिणी उससे हर बात शेयर करती थी। करियर को लेकर भी बात होती थी। इस कारण लगातार संपर्क था। टीआई सोलंकी ने बताया कि रोहिणी के फोन की सीडीआर की जांच कर रहे हैं। इसके अलावा उसके फोन को एफएसएल में जांच के लिए भेजा है। फोन का लॉक लगा हुआ था। लॉक खोलने पर डाटा डिलीट हो सकता था। एफएसएल में बिना डाटा डिलीट किए लॉक खुल सकेगा। इसके बाद अन्य जानकारी मिल सकेगी।