
नईदुनिया प्रतिनिधि, देवास। शहर के वार्ड क्र. 17 रसूलपुर का नाम बदलकर रामपुर करने की सीएम की घोषणा के प्रस्ताव को एमआईसी ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। जल्द ही यह निर्णय धरातल पर होगा। बुधवार को नगर निगम में महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई एमआईसी बैठक में नाम बदलने के अलावा अन्य कई प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई।
इस दौरान मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना अंतर्गत गजरा गियर्स चौराहे से बीएनपी गेट तक रोड निर्माण, मार्ग चौडीकरण, डिवाइडर, ड्रेन, स्ट्रीट लाइट, पाथवे निर्माण हेतु राशि 5.28 करोड तथा बीमा चौराहे से कर्मदीप स्कूल तक रोड निर्माण राशि 11.17 करोड़ के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई। पीएम आवास बीएलसी घटक की 7 डीपीआर की 1297 हितग्राहियों की महापौर द्वारा दी पुष्टि की स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में वार्ड 21 में सेवाधाम के नजदीक उद्यान काे गोद देने, इसी वार्ड में एक अन्य उद्यान श्री श्याम हरिहर धार्मिक एवं सामाजिक सेवा समिति को रख रखाव हेतु देने के प्रस्ताव को भी पारित किया गया। बीमा रोड पर महर्षि गौतम द्वार निर्माण करने, विकास नगर स्थित गार्डन को गोद लेने, नामांकरण करने और सहस्त्रबाहू अर्जुन की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव भी पास किया गया।
बैठक में राजस्व विभाग के बाजार बैठक वसूली के प्रस्ताव भी शासन निर्देशानुसार पारित करने का निर्णय लिया गया। इसमें रेहडी पटरी वाले छोटे व्यवसाईयों से प्रतिदिन वसूली नहीं कर वार्षिक रुपये 2 हजार या 6 महीने में 1 हजार की वसूली करने का निर्णय लिया गया। बैठक में मेयर इन काउंसिल सदस्य धर्मेंद्रसिह बैस, गणेश पटेल, शीतल गेहलोत, मुस्तुफा अंसार एहमद, जितेंद्र मकवाना, पिंकी दायमा, सपना पंडित, ममता यादव, अंतिम पडियार और निगमायुक्त दलीप कुमार सहित अन्य संबंधित मौजूद थे।
बैठक में एमआइसी के सदस्यों ने अपने वार्डों में अटके सड़कों के टैंडर जारी करने की मांग की। पार्षदों का कहना था कि 3 साल से सड़कों के काम अटके हैं, ऐसे कामों को शुरू करवाया जाए। निगमायुक्त ने कहा कि सीवरेज के कारण टैंडर रोके गए हैं। यदि पहले सड़क बनाई गई, तो बाद में सीवरेज की खोदाई से खराब होगी। साथ ही योग्यता के आधार पर स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति, कार्यादेश के बाद भी काम नहीं करने वाले ठेकेदारों के काम निरस्त करने, कायाकल्प और विधायक निधि के काम करवााने सहित मांगे पार्षदों ने रखी।
बैठक की शुरूआत में कुछ सदस्यों ने निगम की विभिन्न शाखाओं के प्रभारियों का परिचय नहीं होने की बात कहकर अधिकारियों को घेरने का प्रयास किया। इसके बाद निगमायुक्त ने हस्तक्षेप किया और अधिकारियों ने अपना-अपना परिचय देना शुरू कर दिया। हालांकि सदस्यों ने अपना परिचय नहीं दिया। बैठक में पार्षदों ने विभिन्न कामों को लेकर अधिकारियों को घेरने की कोशिश की लेकिन आयुक्त के हस्तक्षेप के चलते वे ऐसा कर नहीं पाए। पार्षदों ने अपने वार्डों में स्ट्रीट लाइट की समस्या बताई, जिस पर विद्युत शाखा में सप्लाय के दौरान आई खराब सामग्री को भी वापस करने की जानकारी आयुक्त ने दी। यह भी बताया कि स्ट्रीट लाइटों में टाइमर या आटोमेटिक सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे वे रात होने पर अपने आप चालू हो और सुबह अपने आप बंद हो। हाइमास्ट की अाधी लाइटें आधी रात बाद बंद करने का सिस्टम लगाने की बात भी कही गई।