बदनावर (नईदुनिया न्यूज)। नगरीय सहित अंचल के गांव कोरोना संक्रमण के हाट स्पाट बन गए हैं। मंगलवार को 38 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई जबकि बुधवार को 10 पाजिटिव केस सामने आए हैं। एक पखवाड़े में कोरोना संक्रमितों की संख्या डेढ़ सौ के पास पहुंच गई है तथा इससे मरने वालों की संख्या चार हो गई है। पुलिस व प्रशासन ने बुधवार को सख्ती बरतते हुए बगैर मास्क घूम रहे लोगों की जमकर खबर ली और अर्थदंड भी वसूला। एसडीएम वीरेंद्र कटारे हाथ में डंडा लेकर स्वयं मैदान में उतरे और बगैर मास्क घूम रहे लोगों को गाइड लाइन का पालन करवाने के लिए डंडे बरसाए। उधर, समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर भी कहीं-कहीं शासकीय गाइड लाइन के पालन का सरेआम उल्लंघन दिखाई दिया है। इस पर एसडीएम ने ग्राम घटगारा स्थित उपार्जन केंद्र पर समिति प्रबंधक को फटकार लगाई। पीसीआर टेस्ट का सहारा लिया जा रहा है।
यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना संक्रमण के सैंपल प्रतिदिन बड़ी संख्या में लिए जा रहे हैं, किंतु जांच रिपोर्ट आने में पांच-छह दिन का विलंब होने से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। रेपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट तो तत्काल मिल रही है, किंतु इसकी पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से वीटीएम किट से सैंपल लेकर धार भेज रहे हैं। जहां से इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कालेज में जांच करवाई जा रही है। वहां से रिपोर्ट आने में करीब एक सप्ताह का समय लग रहा है। इस बीच मरीज लापरवाह होकर न तो समुचित उपचार करवाता है और न ही होम आइसोलेशन में रहता है। हालांकि उसे इस बारे में अस्पताल से समझाइश दी जाती है, फिर भी लोग इसे नजरअंदाज कर लापरवाही बरत रहे हैं। इसी का परिणाम संक्रमित लोगों की तेजी से बढ़ रही संख्या के रूप में सामने आ रहा है।
एक हजार जांच में 150 संक्रमित
पिछले 15 दिन में करीब एक हजार लोगों की जांच की चुकी है, जिसमें करीब 150 संक्रमित केस सामने आए हैं। रिपोर्ट में विलंब के कारण इस बार नगरीय क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण अंचल से भी बड़ी संख्या में केस सामने आए हैं। बदनावर के हर अनुभाग के गांव में संक्रमण प्रभावित लोगों का पता चला है। आज भी यह स्थिति है कि जो सरकारी अस्पताल में मरीज पहुंच रहे हैं, उनकी जांच की जा रही है। जबकि निजी अस्पतालों में सर्दी, खांसी व बुखार का उपचार करवाने वाले मरीजों में संक्रमण का पता नहीं चल रहा है। कई मरीज अन्य नगरों में जाकर निजी अस्पतालों में भर्ती कर उपचार करवा रहे हैं। इससे भी संक्रमित मरीजों की वास्तविक संख्या का पता नहीं चल पा रहा है।
दूसरी ओर यह भी जरूरी समझा जा रहा है कि निजी अस्पतालों में संक्रमित लोगों के नाम व पते शासकीय अस्पताल एवं प्रशासनिक स्तर पर उपलब्ध करवाए जाना चाहिए, ताकि मोहल्ले में रहने वाले लोग संपर्क में आने की बजाय सुरक्षित रूप से रह सके। इसके अलावा अन्य नगरों से यहां नौकरी करने वाले युवाओं की भी संबंधित संस्थान को जांच करवाने के लिए निर्देशित किया जाए। अभी यह देखने में आया है कि भीड़ वाले स्थानों पर लोगों के जाने, धार्मिक, राजनीतिक, साामजिक कार्यक्रमों में शामिल होने व अन्य नगरों की आवाजाही करने वाले लोग ही अधिक संक्रमित हो रहे हैं। यात्री बसों में अब भी लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीण अंचल में तो लोग अब भी बिना मास्क लगाए घूम रहे हैं और हाट बाजार में भी शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें प्रतिबंधित कर तेजी से बढ़ रहे इस संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
Posted By: Nai Dunia News Network