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कु क्षी (नईदुनिया न्यूज)। आदिवासी अंचल का भगोरिया हाट राजा कसुमर और बालुन के समय अस्तित्व में आया था। फाल्गुन माह में होली के पूर्व लगने वाले भगोरिया हाट के समय धार, झाबुआ, खरगोन आदि क्षेत्रों के हाट बाजार मेले का रुप ले लेते हैं। इस वर्ष भगोरिया हाट 3 से 9 मार्च तक लगाया जाएगा। कु क्षी में भगोरिया हाट मंगलवार को आयोजित होगा। इसमें आदिवासियों के पारंपरिक लोक संस्कृति के रंग देखने को मिलेंगे। युवक एवं युवतियां आकर्षक वेशभूषा में शामिल होंगे।
3 मार्च से भगोरिया हाट की शुरुआत कु क्षी शहर से होगी। 4 मार्च को लोहारी, सुसारी, 5 मार्च को ग्राम ढोलिया, डही, 6 गिरवानिया, पड़ियाल, 7 मार्च को ग्राम निंबोल तथा 9 मार्च को निसरपुर में भगोरिया हाट आयोजित होगा। कै बिनेट मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल शामिल होकर क्षेत्रवासियों के साथ भगोरिया मनाएंगे। थाना प्रभारी कमलसिंह पंवार ने बताया भगोरिया हाट को लेकर पूरी तैयारी कर ली है। आयोजन स्थल पर पुलिस व्यवस्थाओं पर नजर रखेगी।
ढोल-मांदल को करने लगे तैयार
बाग। आदिवासी लोकपर्व भगोरिया की शुरुआत मंगलवार से होगी। ग्राम नरवाली में पहला भगोरिया हाट आयोजित होगा। वन मंत्री उमंग सिंघार शिरकत करेंगे। ग्राम लोंगसरी में लगने वाले भगोरिया हाट में पर्यटन एवं नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेंद्रसिंह बघेल पहुंचेंगे। दोनों क्षेत्रों में भगोरिया को लेकर उत्साह नजर आ रहा है। सुबह से ही भगोरिया की रौनक परवान चढ़ेगी। बाग टीआई ने बताया कि पर्व को देखते हुए अतिरिक्त बल बुलाया है। सोमवार को बाग का साप्ताहिक हाट बाजार होने से विशेष रौनक बाजार में नहीं दिखी। इससे त्योहारिया हाट सुनसान नजर आया। मुके श एवं ठाकु रसिंह ने बताया कि हमारे पूर्वजों के समय से ही हम ढोल-मांदल लेकर भगोरिया में जाते हैं। वहां मिलने वाले इनाम से हमें कोई मतलब नहीं होता है। हम तो पर्व की खुशी व आनंद का लाभ उठाने जाते हैं। नरवाली एवं लोंगसरी के भगोरिया में राजनीतिक रंग दिखाई देगा। जहां भाजपा एवं कांग्रेस से जुड़े लोग भगोरिया में पहुंचेंगे।
02बीएजी01- भगोरिया लोकपर्व को देखते हुए बाग में ढोल को सुधारते हुए ग्रामीण।
50 से अधिक गांव के 60 ढोल-मांदल नृत्य दल आएंगे
नालछा। आदिवासी संस्कृति का प्रणय पर्व भगोरिया 3 मार्च से शुरु होगा। मंगलवार को यहां लगने वाले हाट को लेकर पुलिस थाना परिसर में तैयारियां की जा रही हैं। क्षेत्र के पहले भगोरिया हाट में 50 से अधिक गांव के करीब 60 से अधिक ढोल-मांदल नृत्य दल पहुंचेंगे। विभिन्न मंचों के माध्यम से ढोल-मांदल दलों का स्वागत कि या जाएगा। गौरतलब है कि नालछा का भगोरिया हाट दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। नालछा में तिरला एवं उमरबन से भी नृत्य दल शामिल होता है। भगोरिया पर्व को लेकर क्षेत्र के आदिवासी वर्ग के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। पूरे वर्ष इस पर्व का सभी को इंतजार रहता है बड़ी। स्कू ल के विद्यार्थी भी इस भगोरिया हाट में शामिल होते हैं। थाना परिसर में दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक ढोल-मांदल की आवाज एवं कु र्राटी क्षेत्र में गूंजेगी। पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि भगोरिया मेले को देखते हुए जिलेभर में अतिरिक्त पुलिस बल लगाया जाएगा। कहीं कोई अप्रिय घटना या विवाद की स्थिति न बने, ऐसे प्रयास कि ए जाएंगे। अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
बगवाण्या व जूनापानी में भगोरिया आज
उमरबन। उमरबन क्षेत्र में आदिवासी संस्कृति के प्रतीक भगोरिया की शुरुआत मंगलवार होगी। जो 9 मार्च होलिका दहन चलेगा। आदिवासी समाज के लोग नए परिधान में सज-धजकर भगोरिया हाट में शामिल होंगे। 7 दिनों तक चलने इस पर्व में ढोल-मांदल की गूंज सुनाई देगी। विशेषकर महिलाएं एवं लड़कि यां चांदी के गहने पहनकर शामिल होंगी। भगोरिया हाट में जनप्रतिनिधि एवं आसपास क्षेत्र के नेता भी शामिल होंगे। क्षेत्र अंतर्गत मंगलवार को बगवाण्या, जूनापानी, बुधवार को कालीबावड़ी, खंडलाई, गुरुवार को खेड़ी, बाकानेर, शुक्रवार को दाभड़, बिल्दा, शनिवार को उमरबन, जीराबाद, टवलाई, रविवार को लुन्हेरा, टोंकी एवं सोमवार होलिका दहन के दिन भानपुरा व सुराणी में भगोरिया हाट लगेगा। गांव के सुरेश ठाकु र, कमल हनवद, मंगलसिंह अचाले सहित ग्रामीणों ने बताया कि होली पर्व के सात दिनों तक आदिवासी फाल्गुनी रंग में रंग जाते हैं। पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन की माकू ल व्यवस्था रहती है।
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