अशोक जैन
उमरबन। नईदुनिया
केंद्र एवं राज्य सरकार गांव से शहर एवं शहर से गांवों को जोडने के लिए करोड़ों आवंटित कर आम लोगों को आवागमन को सुचारू करने के लिए सुविधा प्रदान करती है। इससे गांवों में निवासरत ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचने में आसानी हो सके। इसी को लेकर उमरबन से धामनोद 28 किमी एवं उमरबन से मनावर 28 किमी सीसी सड़क कुल 56 किमी निर्माण के लिए वर्ष 2018 में 150 करोड़ की राशि स्वीकृत कर ठेका दिया गया था। इस कार्य को पूर्ण करने के लिए गुजरात की वीआरएस कंपनी को 56 किमी टूलेन सीसी सड़क को 22 फरवरी 2020 को पूर्ण कर आवागमन सुचारू करना था। लेकिन ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ करने के 40 माह से भी अधिक समय बीत चुका है। लेकिन 40 माह में आज तक ठेकेदार द्वारा 40 किमी भी सडक नहीं बन पाई। इससे अंदेशा लग रहा है कि इस टूलेन सीसी सडक निर्माण में ठेकेदार एवं विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से क्षेत्र के हजारों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार ठेकेदार द्वारा जब कार्य प्रारंभ किया गया तो कार्य धामनोद से उमरबन ह्वाया कालीबावडी सड़क का कार्य प्रारंभ किया। इस 28 किमी सड़क में अभी भी टू लेन पूर्ण नहीं हुआ है। इसी तरह उमरबन से मनावर ह्वाया भानपुरा टोकी 28 किमी सीसी सड़क पर मात्र लेवल बनाकर गिट्टी एक तरफ डाली गई। एक मार्ग से मुरम डालकर आवागमन शुरू किया। लेकिन इस मार्ग पर सीसी सड़क का कार्य आज तक प्रारंभ नहीं हुआ। इसके कारण बारिश के दिनों में एक तरफ मुरम वाले मार्ग पर कीचड़ फैलने के कारण दो पहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इस परेशानी को अनदेखी कर रहे है। इसके कारण आवागमन में काफी परेशानी उठाना पड रही है। उमरबन मनावर सीसी सड़क के लिए ठेकेदार ने अभी तक मात्र गिट्टी ही डाली है। ऐसी स्थिति में टूलेन सीसी सड़क का कार्य कब प्रारंभ होगा एवं कब आवागमन प्रारंभ होगा। यह ठेकेदार एवं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही बता पाएंगे। कार्य प्रारंभ होने के 40 माह हो गए हैं लेकिन उमरबन-धामनोद मार्ग की 28 किमी टूलेन सीसी सडक अभी पूर्ण नहीं हुई है। शेष कार्य के लिए धामनोद मार्ग पर कार्य चल रहा है।
उमरबन से मनावर मार्ग की दयनीय स्थिति
पिछले 3 वर्षों से उमरबन से मनावर 28 किमी मार्ग पर बारिश के 4 माह तक काफी परेशानी हो रही है। उमरबन से भानपुरा मार्ग की स्थिति ज्यादा खराब हो गई। क्योंकि रिमझिम बारिश से मुरम डालने से कीचड़ फैल जाता है। इससे दो पहिया वाहन चालकों को सफर करने में कांटो भरा राह लग रहा है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने कलेक्टर पंकज जैन से मांग की कि संबंधित विभागों को पाबंद कर कीचड़ वाली जगह पर गिट्टी की चूरी डालकर आवागमन सुचारू कर आम लोगों को राहत पहुंचाने की मांग की गई।
-बारिश के बाद टू लेन सीसी सड़क का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मुरम वाली जगह पर यदि कीचड़ हो गया है तो ग्रेडर डालकर मिट्टी हटाई जाएगी एवं आवागमन सुचारू किया जाएगा।--जयदेव गौतम, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग