राजोद (नईदुनिया न्यूज)। गोपाल गोशाला रानीखेड़ी में श्रीमद्भागवत कथा का दौर जारी है। कथा सुनने पहुंचे लोगों का उत्साह बारिश भी कम नहीं कर पाई। गुरुवार को दिनभर बारिश के बीच लोगों ने कथा का रसपान किया। पूरी कथा के दौरान लोग टस से मस नहीं हुए। पानी में भीगते हुए भी भागवत कथा का श्रवण किया। पुरुषों ने पंडाल से दूर कई जगह अलाव जलाकर हाथ तापते हुए कथा श्रवण का लाभ लिया। कथा पंडाल में वाटर प्रूफ टेंट नहीं लगा हुआ था, बावजूद कथा सुनने लोग गीले में ही बैठे रहे।
कथा के चौथे दिन गुरुवार को संतश्री प्रभु नागर ने कहा कि मनुष्य योनि बार-बार नहीं मिलती है। मनुष्य का भक्ति के बिना उद्धार नहीं होता है। मनुष्य का मन बड़ा चंचल रहता है, जो आसानी से भजन नहीं कर सकता है। संसार और सागर पार करने के लिए सांसारिक बनना ही पड़ता है। मनुष्य रिश्ते तो बहुत बना लेता है, लेकिन निभाता नहीं है।
पं. नागर ने तुलसीदास का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि तुलसीदासजी नाभाजी संत के भंडारे में पहुंचे। जहां खीर बंट रही थी। लोग अपने-अपने पात्र लेकर खीर लेने भीड़ में इकट्ठा हो रहे थे। तुलसीदासजी वहां पहुंच गए और पीछे खड़े रह गए, उनको कोई पात्र नहीं मिला। तब उनको एक संत की जूती दिख गई। तुलसीदासजी ने खीर लेने के लिए जूती उठा ली। तब लोगों ने देखा कि यह व्यक्ति जूती में कैसे खीर लेगा। तब नाभाजी को मालूम पड़ा कि एक व्यक्ति जूती में खीर लेने आया है, तो उन्होंने देखा कि यह तो महान संत तुलसीदास जी हैं। इस पर उनका स्वागत आदर भाव से किया। पूछा कि महात्मा आप। तब तुलसीदासजी ने कहा कि संतों की चरण रज लेने के लिए कई जन्म लेने पड़ते हैं, तो मैं तो खीर ले रहा था उनकी जूती में। ऐसे होते हैं महान संत। जिन्होंने रामचरित मानस लिख डाली। कथा के चौथे दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। रंग-गुलाल उड़ाकर माखन-मिश्री का प्रसाद बांटा गया।
'नंद घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की' के जयकारे गूंजे
अमझेरा। श्रीराम चौक स्थित हिंदू चेतना मंच पर चल रही भागवत कथा के दौरान गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम और उत्साहपूर्वक मनाया गया। द्वारकाधीश मंदिर से ढोल-ढमाके के साथ वासुदेव के साथ छोटे से कन्हैया का चल समारोह निकाला गया। रास्तेभर श्रद्धालु नृत्य करते हुए चल रहे थे। महिलाएं व बालिकाओं द्वारा गरबा खेला गया। जैसे ही चल समारोह सत्संग स्थल पहुंचा। समूचा पंडाल 'नंद घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की' के जयकारों से गूंज उठा। वासुदेवजी कन्हैया को व्यासपीठ तक नाचते-गाते लेकर पहुंचे। भागवताचार्य पं. बालकृष्णजी गणेश दत्त शास्त्री ने कान्हा को दुलार किया और माखन-मिश्री खिलाई। 'आज बिरज में होली है' भजन पर श्रद्धालुओं ने पुष्प की वर्षा कर होली खेली। इसके पूर्व श्रीराम जन्म कथा प्रसंग को विस्तार से बताया गया। कथा विश्राम पर हिंदू चेतना मंच के वरिष्ठ रामचंद्र शर्मा, नरवरसिंह राठौर, कलाकार भारतसिंह ठाकुर, कमलेश ठाकुर व गायक कलाकार अजय शर्मा का गुरुजी द्वारा केसरिया दुपट्टे के साथ सम्मान किया गया। आयोजक परिवार के जगदीश शर्मा व विनायक शर्मा ने आरती उतारकर माखन-मिश्री की प्रसाद बांटी।