धार (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर सहित जिलेभर में माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को कक्षा दसवीं का हिंदी का पहला पेपर विद्यार्थी देने केंद्रों पर पहुंचे। इस दौरान विद्यार्थियों में कोरोना के डर के साथ-साथ परीक्षा का उत्साह देखा गया। वहीं आखिरी समय तक विद्यार्थी परीक्षा केंद्रों पर पढ़ते हुए दिखाई दिए। विद्यार्थियों का कहना था कि आखिरी पल में भी अगर हम कुछ पढ़ लें तो हो सकता है पेपर हल करने में मददगार साबित हो। सभी केंद्रों पर कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया गया। विद्यार्थियों को प्रवेश के पूर्व तापमान जांचने के साथ ही हाथ सैनिटाइज करवाए गए।
गौरतलब है कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के लिए जिले में 99 केंद्र बनाए गए हैं वहीं शहर में 05 केंद्र बनाए गए।
इसमें कुल 29734 विद्यार्थियों में से 27637 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए हैं।
परीक्षा देने के पूर्व विद्यार्थियों में डर देखा जा रहा था। वहीं पेपर हल करने के बाद विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखा गया। विद्यार्थियों का कहना था कि पहला पेपर हिंदी का सरल आया है। अगर सारे पेपर इसी तरह से आते हैं तो विद्यार्थियों के लिए अच्छा होगा।
आगामी गणित पेपर की चिंता
कक्षा दसवीं की छात्रा प्रीति परमार ने बताया कि परीक्षा से कुछ दिन पहले स्वास्थ्य खराब हो चुका था। मुझे डर लग रहा था कि कहीं मेरा पेपर खराब न हो जाए परंतु आज का पेपर बहुत ही सरल आया है। वहीं कोरोना को लेकर भी कुछ डर था जो पेपर देने के बाद खत्म हुआ है। छात्रा पारुल चौहान का कहना था कि परीक्षा को लेकर लंबे समय से इंतजार था वह आज पेपर देने के बाद खत्म हुआ है। परीक्षा के पूर्व सुबह 5ः00 बजे उठकर एक बार मैंने सारा रिवीजन किया है। वहीं अब आगामी पेपर गणित को लेकर थोड़ी सी चिंता सता रही है। अगर गणित का पेपर भी हिंदी की तरह सरल आता है तो हमें काफी सहूलियत होगी। क्योंकि हमने अधिकतर समय ऑनलाइन कक्षा में पढ़ाई की है। इससे कहीं न कहीं हमारी कुछ तैयारियां भी अधूरी है। हालांकि हमारे शिक्षकों ने हमें काफी मदद की है इसलिए हमें पेपर देने में परेशानी नहीं हो रही है।
उम्मीद नहीं थी इस बार परीक्षा होगी
छात्रा प्रकृति मुनिया ने बताया कि कोरोना के चलते दो साल से हमारी ऑफलाइन परीक्षा नहीं हो पाई। दूसरी लहर के बाद जब स्कूल शुरू हुए तो उम्मीद जागी थी कि इस बार परीक्षा होगी। परंतु तीसरी लहर में जब केस बढ़े तो उम्मीद नहीं थी कि इस बार परीक्षा हो पाएगी। तीसरी लहर में ही सुरक्षा कवच वैक्सीन आई। हमने दोनों डोज लगवा ली है। वैक्सीन कहीं न कहीं कोरोना से लड़ने में मददगार साबित हो रही है। इसी कारण आज हमारी परीक्षा संभव हो पाई है।
पॉजिटिव शामिल नहीं
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए परीक्षा केंद्रों पर एक अलग कक्ष की व्यवस्था की गई है। इसमें अगर कोई भी बच्चा पॉजिटिव हो जाता है तो वह उस कक्ष में बैठकर परीक्षा दे सकता है। परंतु पहले दिन इस तरह केस देखने को नहीं मिला है। अब तक एक भी पॉजिटिव परीक्षा में शामिल नहीं हुआ है।