दूधी (नईदुनिया न्यूज)। ग्राम पंचायत के वार्ड क्रमांक 12 पुटियाआवार के 40 से अधिक रहवासी शुक्रवार दोपहर भीषण गर्मी में 30 किमी दूर जनपद पंचायत धरमपुरी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई त्रुटि व पात्र लोगों को अपात्र करने को लेकर ग्रामीण आवेदन देने पहुंचे थे, लेकिन तीन घंटे से अधिक समय तक बैठने के बाद ग्रामीणों को जनपद पंचायत के एक कर्मचारी ने यह कहकर घर रवाना कर दिया कि तुम लोगों की समस्या का हल धार कलेक्टर कार्यालय में ही होगा। तुम धार जाकर आवेदन दो। ऐसे में ग्रामीण भीषण गर्मी में निराश-परेशान होकर पुनः घर लौट आए।
ग्रामीण संजय, मिथुन, शिवा, सुभाष, सुरेश आदि ने बताया कि ग्राम में प्रधानमंत्री आवास की सूची में क्रमांक-एक से लगाकर 95 तक के ग्रामीणों का नाम अपात्र लोगों की सूची में डाला गया है। जिसका विरोध करते हुए जनपद पंचायत धरमपुरी गए थे, लेकिन तीन घंटे तक वहां बैठने के बाद भी किसी अधिकारी ने हमारा आवेदन नहीं लिया। इसके बाद एक कर्मचारी पहुंचा और धार कलेक्टर कार्यालय आवेदन देने का बोलकर हमें वहां से हटा दिया। हमारी शिकायत थी कि जिन-जिन लोगों के नाम पंचायत में अपात्र घोषित किए हैं, तकरीबन उन सभी लोगों के घर कच्चे हैं। ये ग्रामीण पंचायत के आखिरी छोर में रहते हैं। ऐसे में पक्के घरों को आवास योजना का लाभ दिया जा रहा है और हम कच्चे घर वालों को सूची से बाहर करके अपात्र घोषित किया जा रहा है। इसको लेकर हम ग्रामीण जनपद पंचायत धरमपुरी पहुंचे थे।
भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप
बता दे कि ग्राम पंचायत में इन दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना की 250 लोगों की सूची में से 50 लोगों के नाम नियमानुसार तय करना है। इसको लेकर समस्या उत्पन्ना हो रही है। ग्रामीण पंचायत पर खुले रूप से भेदभावपूर्ण रवैये का आरोप लगा रहे हैं। ग्रामीण जनपद पंचायत में सीईओ को यही बताने पहुंचे थे कि जिन लोगों के घर पक्के हैं, उनको लाभ मिलने की स्थिति में पंचायत कार्य कर रही है और कच्चे घरों के लोगों के नाम अपात्र सूची में जोड़ रही है, लेकिन अधिकारी कार्यालय पर नहीं मिले।
पात्र लोगों को लाभ दिलाने के लिए सर्वे कर रहे हैं
हम सभी पात्र लोगों को आवास योजना का लाभ दिलवाने का कार्य कर रहे हैं। इसको लेकर सर्वे भी किया जा रहा है। -जगदीश भाभर, सचिव, ग्राम पंचायत दूधी
बैठक में होने से ग्रामीणों से नहीं मिल पाया
मैं ग्रामीणों की समस्या को तुरंत ही दिखवाता हूं। बैठक में धार आया हूं। इसी कारण ग्रामीणों से नहीं मिल पाया। -गौरीशंकर दुबे, सीईओ, जनपद पंचायत धरमपुरी
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