राजगढ़ (नईदुनिया न्यूज)। प्रकृति से विपरीत स्वभाव सभी का होता जा रहा है, ऐसे में मानव जाति कई बार परेशान होती है। जिस गति से रासायनिक खाद आदि का इस्तेमाल भूमि से अधिक से अधिक अन्ना उत्पन्ना करने के लिए किया जा रहा है, वह निःसंकोच मिट्टी की उर्वर क्षमता को कम कर रहा है। मिट्टी प्रकृति का एक अभिन्ना अंग है। यदि इसे बचाएंगे तो मानव जाति सुरक्षित रहेगी।
यह बात पांच धाम एक मुकाम माताजी मंदिर के ज्योतिषाचार्यश्री पुरुषोत्तमजी भारद्वाज ने रविवार को ईशा फाउंडेशन के प्रमुख संस्थापक सद्गुरु श्री जग्गी वासुदेव द्वारा विश्वभर में चलाए जा रहे मिट्टी बचाओ अभियान के तहत राजगढ़ पहुंची यात्रा के अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि मिट्टी को बचाने से तात्पर्य साफ है कि इसमें रसायन न घोला जाए, अन्यथा आज जितना उत्पादन हम ले पा रहे हैं, उसका एक छोटा-सा हिस्सा भी हम नहीं ले पाएंगे। यात्रा रविवार को राजगढ़ नगर में पहुंची। फाउंडेशन के कार्यकर्ता राजगढ़ निवासी जैनम जैन एवं विपुल सिंदड़ा ने बताया कि नगर के प्रतिष्ठित विद्यालयों, प्रशासनिक अधिकारियों, मोहनखेड़ा व माताजी मंदिर तीर्थस्थलों सहित कई अन्य जगह पहुंचकर मिट्टी बचाओ अभियान को जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
30 हजार किमी की यात्रा के बाद भारत पहुंचा है अभियान
जैनम बताते हैं कि यह यात्रा 21 मार्च 2022 को लंदन से आरंभ हुई थी। यह यात्रा 100 दिन की थी, जो कि 30 हजार किमी की रही। यह 25 से अधिक देशों से होती हुई भारत पहुंची। बड़ी बात यह है कि इस अभियान के संचालनकर्ता सद्गुरुश्री ने 30 हजार किमी की यह पूरी यात्रा दोपहिया वाहन से ही पूर्ण कर दी।
प्रधानमंत्री तक ने दिया है आश्वासन
इस अभियान को लेकर सद्गुरु ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की है। इसी के तहत वे भोपाल भी पहुंचे थे। यहां सीएम सहित देशभर के नौजवानों एवं कार्यकर्ताओं से इस अभियान को देशहित में सार्थक करने का आह्वान किया गया था। इसी आह्वान के फलस्वरूप रविवार को राजगढ़ में यह आयोजन किया गया। यात्रा सबसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डा. एमएल जैन के पास पहुंची। इसके बाद मोहनखेड़ा महातीर्थ होते हुए यात्रा माताजी मंदिर और फिर भानगढ़ रोड स्थित निजी विद्यालय में पहुंची। यहां विद्यालय के विद्यार्थियों को भी अभियान से जोड़ने के लिए संचालकों को प्रेरित किया गया।
प्रशासनिक अधिकारियों ने दिया आश्वासन
एसडीएम राहुल चौहान और एसडीओपी आरएस मेड़ा ने कहा कि समाज विकास के लिए यह कार्य सर्वोत्तम है। इस तरह के मानव जाति के हित के काम किए जाने चाहिए। प्रशासनिक स्तर पर जो भी मदद की जा सकती है, वह करने का प्रयास किया जाएगा।
इसलिए आवश्यक है मिट्टी बचाना
फाउंडेशन के सद्गुरु ने बताया है कि आधुनिक तकनीकों से जिस तरह से खेती की जा रही है, उससे अधिक मात्रा में फसल तो ले पा रहे हैं, लेकिन जिन पेस्टीसाइड्स और खतरनाक केमिकल्स का उपयोग कर रहे हैं, उससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता घटती जा रही है। ऐसा ही चलता रहेगा तो संभवतः 60 वर्ष में मिट्टी पूरी तरह नष्ट हो जाएगी और खेती नहीं कर पाएंगे।
Posted By: Nai Dunia News Network
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