Dhar News नईदुनिया न्यूज, सरदारपुर। सरदारपुर न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने बुधवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने के मामले में निर्णय पारित किया है। इस मामले में दोषी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।
अभियोजन अधिकारी पीएल मेड़ा ने बताया कि पीड़िता की माता ने थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 12 फरवरी 2020 को वह खेत पर काम करने गई थी, उसकी 17 वर्षीय बेटी स्कूल गई थी। शाम को वह घर वापस आ गई, लेकिन महिला की बेटी स्कूल से नहीं आई तो उसने उसकी सहेली से पूछा तो बताया कि वह स्कूल नहीं आई। मेरी लड़की को अज्ञात व्यक्ति बहला-फुसलाकर भगा ले गया।
महिला ने बताया कि संजू पुत्र अमृतलाल उनके घर चार-पांच आया था। महिला ने संजू पर शंका जाहिर की कि वह उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। रिपोर्ट के बाद नाबालिग को पुलिस ने ढूंढ निकाला और उसके कथन लिए। इसमें उसने बताया कि वह घर से पैदल स्कूल पढ़ने जा रही थी। दोपहर 12 बजे हातोद में संजू मुझे मिला और पीथमपुर घूमकर आने का कहकर हातोद रोड से मुझे बस में बैठाकर पीथमपुर लेकर गया।
नाबालिग ने बताया कि इसके साथ आरोपित संजू उसे पीथमपुर से बस में बैठाकर इंदौर लेकर गया आर इंदौर से ट्रेन में बैठाकर गुजरात लेकर गया। जहां गुजरात में बनी कंपनी के कमरे में मुझे 12 दिन तक रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। कंपनी में संजू काम करता था। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने विशेष लोक अभियोजक बापूसिंह बिलवाल द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य को प्रमाणित मानकर संजू को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।