धार (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले के कई ग्रामों में नीलगाय किसानों की खड़ी फसल को नुकसान पहुंच रही है। इससे जिले के करीब 25 गांवों से आए किसान मंगलवार को रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। यहां किसान संगठन द्वारा मांग की गई है कि नीलगाय की समस्या से निजात जल्द दिलाने के लिए मंगलवार को कलेक्टर के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा गया। यदि आठ दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं होती है तो चेतावनी दी है कि आंदोलन करेंगे।
ज्ञापन में बताया कि नीलगाय का झुंड खेत में पहुंचकर खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा रही है। वन्य प्राणी होने के कारण किसान कुछ भी कर नहीं पा रहे हैं। रबी की फसल गेहूं, चना, लहसुन, प्याज, टमाटर, लगभग पकने को तैयार है। हजारों बीघा कृषि भूमि खड़ी फसल नीलगाय चौपट कर रही है। नीलगाय की संख्या में निरंतर वृद्धि होने से इनके झुंड लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जहां से भी निकलते हैं, फसलों को चौपट कर देते हैं। फसल नुकसानी समस्या वन विभाग को भी अवगत कराया, किंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यदि समय रहते नीलगाय की समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो समस्या संपूर्ण जिले में विकराल रूप ले सकती है। प्रदेश शासन समय रहते हमारी भूमि एवं फसलों का नुकसान ही उचित मुआवजा नहीं देता है तो वह हमारी भूमि को नीलगाय से मुक्त नहीं कराता है तो हम किसान आंदोलन करेंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की रहेगी।
इन ग्रामों में नीलगाय का झुंड फसलों को नुकसान पहुंचा रहा
अमझेरा,राजपुरा, चालनी, मिंडा, बांदेड़ी, बांकेडी, मांगोद, आतेडी, सागवाल, केसरपुरा, रालामंडल, खरेली, हातोद, मोरगांव, उंडेली, बोलदा, खरजूनी, इंड़रिया,डाडूर, भलगांवडी, पांचलापीपला,ग्वाल मगरी, भाटी खोदरा, लालगढ़, जामुनियापाड़ा आदि ग्रामों में वन प्राणी नीलगाय का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है।
आंदोलन की चेतावनी
अमझेरा के किसान विजय शर्मा व मांगोद के उमेश पाटीदार ने बताया कि गत 5 से 10 वर्षों से नील गायों का आतंक मचा हुआ है। पहले नील गायों की संख्या कम थी किंतु अब नीलगायों की संख्या में काफी वृद्धि हो गई है। यदि आठ आठ दिनों में कोई उचित कार्रवाई नहीं की जाती है तो हम आंदोलन करेंगे। इसकी समस्त जवाबदारी जिला प्रशासन की रहेगी।