Madhya Pradesh : इस मंदिर में भगवान नारायण के साथ गरुड़ पर विराजमान है मां लक्ष्मी
जटाशंकर मार्ग पर स्थित 350 साल से अधिक पुराने मंदिर में दीपावली पर होगी विशेष पूजा।
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Sun, 27 Oct 2019 04:01:05 AM (IST)
Updated Date: Sun, 27 Oct 2019 03:34:31 PM (IST)

बागली। जटाशंकर मार्ग पर स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर 350 साल से भी अधिक अति प्राचीन मंदिर है। काले पत्थरों से बने इस पुरातत्व मंदिर की विशेषता है कि यहां धन की देवी लक्ष्मी और भगवान नारायण की जोड़ी गरुड़ पर सवार है।हालांकि उल्लू को लक्ष्मीजी का वाहन माना जाता है।
छह पीढ़ी से मंदिर की सेवा में लगे बाबूलाल शर्मा परिवार के पंडित अन्नू शर्मा ने बताया कि गरुड़ पर सवार लक्ष्मीनारायण के दीपावली के दिन दर्शन करने से लक्ष्मी स्थायी रुप से रहती हैं।
यहां पर प्रतिवर्ष ग्यारस से दीपावाली की अमावस्या तक प्रतिदिन श्रीगुरु सुप्त मंत्र जाप के साथ धनलक्ष्मी स्वरुप देवी की विशेष हवन पूजन क्रिया होती है। दीपावली के दिन सुबह से देर रात तक बड़ी संख्या में परिवार सहित दर्शनार्थी यहां आते हैं और लक्ष्मीनारायणजी के श्रीचरणों में नतमस्तक होकर सुख समृद्धि की कामना करते हैं।
नेमावर। दीप पर्व की अमावस्या की पूर्व संध्या पर हजारों नर्मदा भक्त नर्मदा स्नान के लिए पहुंचे। संध्याकाल में स्नान किया। रात्रि में तट पर विश्राम कर सुबह पर्व स्नान किया। दीप पर्व की पूजा के लिए नर्मदा का पवित्र जल लेकर पैदल अपने घर पहुंचेंगे। रात्रि में पवित्र जल से मां लक्ष्मी की पूजा कर सुख-संपदा व अरोग्य की कामना करेंगे।
बेहरी। रुप चौदस पर मनकामेश्वर भोमियाजी मंदिर में भगवान को नर्मदा व गंगाजल से स्नान कराया। इसके बाद पं. चंद्रप्रकाश शास्त्री व नरेंद्र वैष्णव ने मनमोहक श्रृंगार कि या। महंत रामदास महाराज ने बताया कि शनिवार होने से रुप चौदस का महत्व और बढ़ गया। सुबह से रात तक श्रद्धालुओं ने दर्शन कि ए। दोपहर में प्रतीक अभिषेक कि या गया।