धार (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अगर आप शहर से बाहर रहते हैं और अपना मकान किराए से दिया हुआ है तो अब आपको किरायेदारों की जानकारी देने के लिए थाने जाने की जरूरत नहीं है। आप माय स्मार्ट ई वेरिफिकेशन एप पर भी जानकारी दे सकते हैं। प्रदेश में पहली बार धार जिले में इस एप्लीकेशन की शुरुआत की गई है। एक कंपनी द्वारा निश्शुल्क एप्लीकेशन को बनाकर पुलिस को दी गई है। मंगलवार को पुलिस अधीक्षक आदित्यप्रताप सिंह ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एप का लोकार्पण किया और साथ ही इसकी जानकारी दी।
जिले की बढ़ती भौगोलिक स्थिति को देखते हुए स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा बढ़ाने एवं जिले को अपराध मुक्त रखने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने 15 नवंबर से 15 दिसंबर की अवधि में विशेष शिविर लगाने का फैसला लिया। इसके अंतर्गत प्रत्येक मकान मालिक को अपने किराएदारों एवं घरेलू नौकर की जानकारी, आइडी व फोटो नजदीक थानों में आवश्यक रूप से जमा करवाने होंगे।
जानकारी ऑनलाइन पुलिस को दे सकते हैं
किराएदार, नौकर, कर्मचारी, ड्राइवर की जानकारी की सूचना आसानी से देने के लिए पुलिस ने माय स्मार्ट ई वेरिफेकशन एप की शुरुआत की है। उपरोक्त एप्लीकेशन को सेफ्टी फर्स्ट फर्म द्वारा निश्शुल्क बनाकर पुलिस को प्रदाय किया है।
ऑनलाइन आवेदन करने से पहले यह जानकारी लेनी होगी
किराएदार, कर्मचारी, नौकर, ड्राइवर की आयु 18 साल से अधिक हो। इससे कम उम्र होने पर अभिभावक के दस्तावेज को भी संलग्न करें। किराएदार का साफ रंगीन फोटो जिसमें दोनों कान दिखाई देना चाहिए। आधार कार्ड की स्पष्ट रंगीन छायाप्रति। परिवार के साथ फोटो यदि किराएदार परिवार के साथ रहता हो तो ड्राइविंग लायसेंस, पेन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड, पासपोर्ट, बीपीएल कार्ड, बैंक पास बुक, वाहन का रजिस्ट्रेशन कार्ड, वाहन का बीमा, बोर्ड की मार्कशीट, पोस्ट मोबाइल का बिल, टेलीफोन का बिल, किराया अनुबंध पत्र 100 रुपये के स्टांप पर प्रतिष्ठित कंपनी का आफर लेटर, किसी राजपत्रित अधिकारी व शासकीय विभाग द्वारा जारी परिचय पत्र।
आवेदन की प्रक्रिया
यदि व्यक्ति के साथ माता-पिता, पति-पत्नी, बच्चे हैं तो इन्हें एक यूनिट माना जाएगा। यदि कोई किराएदार मित्रों के साथ रूम शेयर करता है तो सभी मित्रों को अलग-अलग यूनिट माना जाएगा। नागरिकों को निर्धारित प्रारूप वाले फार्म में ही आवेदन करना है। सभी जानकारी स्पष्ट दिखाई देने पर सत्यापन की प्रकिया वरीयता सूची के आधार पर शुरू होगी। इसके अपडेट मोबाइल पर नागरिकों को एसएमएस के माध्यम से मिल सकेंगे। संपूर्ण प्रक्रिया के लिए 30 दिवस निर्धारित किए गए हैं।
फरारी काटने के लिए किराए का कमरा लेता आरोपित
पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि जिलों में अपराध करने के बाद अपरोपित फरारी काटने के उद्देश्य से जिले में किराए का कमरा, होटल का कमरा या किसी कंपनी में नौकरी करने लग जाता है। अपराधी प्रवृत्ति का होने से वह जिले में भी अपराध या ठगी कर फरार हो जाता है। इसकी पूर्ण जानकारी नहीं होने से पुलिस को विवेचना के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए नागरिकों से अपील की गई है कि सभी नागरिक अपने किराएदार, कर्मचारी, नौकर, ड्राइवर की जानकारी आवश्यक रूप से एप के माध्यम से ऑनलाइन जमा कराएं। जो नागरिक वर्तमान में एंड्राइड मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं वे पूर्व की तरह निर्धारित प्रारूप में फार्म भरकर नजदीकी पुलिस थानों में जमा करा सकते हैं।