बदनावर (नईदुनिया न्यूज)। मनुष्य जीवन में भगवान महादेव को प्राप्त करने के लिए क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार एवं पाखंड को छोड़ना पड़ेगा। सच्चे और पवित्र मन से पूजा करने पर ही भगवान फल देते हैं। माता पार्वती को भी काफी तपस्या के बाद भगवान शिव प्राप्त हुए थे। हमारा पारिवारिक जीवन भी शिव और पार्वती के समान होना चाहिए।
उक्त बातें यहां पातालेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय शिव महापुराण कथा के चौथे दिन आद्य शक्ति अनुष्ठान केंद्र के पं. मयंक शर्मा ने व्यक्त किए। उन्होंने आगे कहा कि अहंकार ही विनाश का मूल कारण होता है। अहंकार जहां मनुष्य के पतन तथा विनाश कारण बनता है। वहीं निरंहकारिता उसके सुख, संतोष, प्रगति, उन्नाति तथा प्रसन्नाता का मार्ग प्रशस्त करती हैं। ऐसा नहीं है कि व्यक्ति अंहकार को समाप्त नहीं कर सकता है। उसमें स्वाधीन, सामर्थ्य व चेतना है, जिससे वह अहंकार को दूर कर सकता है। अहंकारी व्यक्ति को कभी ईश्वर की प्राप्ति नहीं होती है। वह अपने आपको ही संसार में अत्यंत महत्वपूर्ण समझने लगता है और दूसरों से अपनी आलोचना सुनना पसंद नहीं करता है। अहंकार के कारण ही प्रजापति दक्ष का विनाश हुआ था। बिना निमंत्रण के माता सती पिता दक्ष के यहां गई थी, तो उन्हें भी शिव का वियोग भोगना पड़ा। इसलिए जीवन में आत्म सम्मान बचाकर रखना चाहिए। अपनी समस्त उपलब्धियों तथा सफलताओं को भगवान की कृपा मानते हुए प्रभु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहिए। कथा के दौरान कुबेर जन्म, सती वर्णन, शिव-पार्वती विवाह का वृत्तांत सुनाया गया। पं. आशुतोष कृष्ण शास्त्री द्वारा पातालेश्वर महादेव का अभिषेक कराया गया।
धूमधाम से निकाली शिव बरात
शिव महापुराण कथा के दौरान शिव-पार्वती का विवाह धूमधाम से मनाया गया। कथा पंडाल को फूलों और तोरण द्वारों से आकर्षक सजाया गया। कथा के अंत में पातालेश्वर महादेव मंदिर से शिव बरात प्रारंभ हुई, जिसमें ग्राम खेड़ा एवं बदनावर के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जगह-जगह बरात का पुष्पवर्षा से श्रद्धापूर्वक स्वागत किया गया। शिवभक्त महिला मंडल ने फूलों से बरात का स्वागत किया, तो युवाओं ने ठंडाई वितरित कर अगवानी की। बरात में मातृशक्ति ने हल्दी, पीठी और मेहंदी लगाई थी। बराती पंडाल पहुंची, तो हर-हर महादेव के जयघोष गूंज उठे। श्रद्धालु खुशी के मारे झूम उठे और अंत में शिव-पार्वती विवाह संपन्ना कराया गया। विवाह में शिव-पार्वती का वेश धारण किए युवक आकर्षण का केंद्र थे। जयश्री सोनी परिवार शिव विवाह के मुख्य यजमान थे। कथा में महिलाओं द्वारा कथावाचक पं. शर्मा को वस्त्र एवं सिचावनी भेंट की गई। प्रसादी का लाभ अलका निर्मल खंडेलवाल ने लिया। सारिका सोमानी, किरण सोमानी, गरिमा सोमानी, रिंकू अग्रवाल, वंदना शर्मा, सुषमा पाठक, उमा पाटीदार, अंगूरी पाटीदार, चंदा पाटीदार, नेहा शर्मा, दीपा शर्मा, जयश्री भट्ट, प्रेमलता सोमानी, भगवती चावला, साक्षी उपाध्याय, रंजना ठाकुर, राधा पाटीदार, सुशीला मुकाती एवं चाणक्यपुरी महिला मंडल, ब्राह्मण समाज महिला मंडल, राधे महिला मंडल, पाटीदार समाज महिला मंडल, गायत्री महिला मंडल, एवरग्रीन महिला मंडल के सदस्यों ने भी कथा प्रसंग में सहभागिता की।