धार। ब्यूरो
घोड़ा चौपाटी स्थित उत्कृष्ट विद्यालय का इतिहास अब बदल जाएगा। गुरुवार की दोपहर स्कूल की सफाई के दौरान एक छुपा हुआ शिलालेख सामने आ गया। इस शिलालेख में लिखा है कि स्कूल की नींव 12 फरवरी 1872 को रखी गई थी। इस नए खुलासे के बाद यह विद्यालय शहर की प्राचीन इमारतों में शुमार हो गया है। इससे पूर्व माना जाता था कि इस भवन को 1902 में बनाया गया था।
गुरुवार को जब स्कूल के कर्मचारी सफाई कर रहे थे तो उन्होंने मुख्य द्वार की दीवार पर एक पत्थर नजर आया। इस पत्थर के ऊपर रंग पोत दिया गया था इसलिए दूर से नजर नहीं आ रहा था। जब एक कर्मचारी ने ऊपर के रंग को साफ किया तो कई साल पुराना रहस्य निकलकर सामने आया। जब स्कूल प्रबंधन को इस बात का पता चला तो सभी हैरान रह गए। स्कूल के व्याख्याता पंकज मिश्रा ने सीढ़ी पर चढ़कर इस शिलालेख को पढ़ा और तुरंत स्कूल प्रबंधन व पुरातत्व विभाग को सूचना दी। शिलालेख के अनुसार उत्कृष्ट विद्यालय का भवन लगभग 145 साल पुराना है। 12 फरवरी 1872 को तत्कालीन महाराजा आनंदराव पंवार और कैप्टन पीडब्ल्यू बैनरमैन ने मिलकर इस भवन का पहला पत्थर रखा था। शिलालेख में लिखा है कि कैप्टन बैनरमैन उस समय भोपावर छावनी के पॉलीटिकल एजेंट थे।
सबसे प्राचीन हो गया उत्कृष्ट विद्यालय
1872 का शिलालेख भवन की दीवार पर पाए जाने के बाद उत्कृष्ट विद्यालय का भवन जिले के सभी स्कूलों में सबसे प्राचीन माना जाएगा। इस खबर का पता लगने के बाद स्कूल के शिक्षक भी बहुत उत्साहित नजर आ रहे हैं। सरकारी गजट में भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि सन 1872 में धार में एक विद्यालय की शुरुआत की गई थी। हालांकि किसी ने सोचा नहीं था कि वह विद्यालय वर्तमान का उत्कृष्ट विद्यालय ही है। शिलालेख में सबसे ऊपर अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी में धार हाईस्कूल लिखा हुआ है।
पुराना अब भी ठीक, नया निर्माण खराब
इधर उत्कृष्ट विद्यालय कभी हायर सेकंडरी स्कूल नंबर-1 से भी जाना जाता था। इस विद्यालय के ऊपरी हिस्से का निर्माण बाद में हुआ था। 145 साल पुरानी इमारत आज भी सुरक्षित है लेकिन उसके ऊपर किया गया नया निर्माण खराब हो रहा है। जगह-जगह से प्लास्टर उखड़ रहा है। इस तरह यह पता लगाया कि सकता है कि पुराने समय में निर्माण की गुणवत्ता को लेकर कितना ध्यान दिया जाता था।
* नेट पर उपलब्ध भवन का प्राचीन दुर्लभ चित्र सन 1902 दर्शाता था, पर आज शिलालेख निकलने से यह स्पष्ट हो गया है कि यह भवन लगभग 145 वर्ष पुराना होने के बाद भी आज भी अच्छी अवस्था में है। बाद में जिन कक्षों का निर्माण हुआ, उनको सुधार की आवश्यकता है। इसमें सुधार करवाया जाएगा।-सुचिता शिंदे, प्राचार्य, उत्कृष्ट विद्यालय धार