Dindori School Sexual Abuse Case: डिंडौरी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मिशनरी स्कूल जुनवानी में आदिवासी नाबालिग छात्राओं के साथ यौन शोषण के मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मप्र शासन जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर तीन दिन के अंदर सख्त कार्रवाई कर रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने बुधवार को पत्र में लिखा कि जुनवानी स्कूल और छात्रावास के निरीक्षण में नाबालिगों के मतांतरण और अवैध बपस्तिमा ईसाई बनाने की गतिविधियां सामने आई हैं, जो चिंताजनक हैं। आयोग ने प्रदेश के सभी जिलों में जनजातीय कार्य विभाग से संस्थाओं और छात्रावासों की भी सूची तलब की है, जिन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है।
शासन से ले रहे थे आर्थिक मदद
आयोग ने प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में यह उल्लेख किया कि जुनवानी में एनजीओ जेडीईएस द्वारा संचालित स्कूल और छात्रावास में शासन से आर्थिक मदद लेकर अवैध गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। विदेशों से आर्थिक मदद लेने के साथ विद्यार्थियों से भी मेस चार्ज वसूला जा रहा है। यहां व्यवस्थाएं बदहाल हैं।
इसे आयोग ने घोर वित्तीय अनियमितता माना है। संबंधित संस्था को धर्मनिरपेक्ष उद्देश्यों के लिए पंजीकृत किया गया है, लेकिन यहां बपस्तिमा ईसाई बनाने के साथ धर्म प्रचार के लिए धार्मिक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस मामले में आयोग ने विभाग द्वारा की गई कार्रवाई के साथ संबंधित मिशनरी एनजीओ के विरुद्ध एफआइआर कराने की बात भी कही है।
विभाग से यह जानकारी भी तलब की है कि प्रदेशभर में विभाग द्वारा किन-किन गैर सरकारी संस्थाओं को आर्थिक मदद दी जा रही है। इस पर भी आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जताई थी नाराजगी
यौन शोषण के मामले में दो अन्य प्रमुख आरोपित पादरी सनी और वार्डन सविता एक्का के 10 दिन बाद भी पुलिस गिरफ्त से बाहर होने पर आयोग नाराजगी व्यक्त कर चुका है। आयोग के अध्यक्ष ने डायोकेशनल सोसायटी जबलपुर के अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के विरुद्ध चार अलग-अलग मामले दर्ज कराने के भी निर्देश दिए थे, जिस पर अमल नहीं हो पाया है।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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