नईदुनिया प्रतिनिधि, डिंडौरी। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री और शहपुरा विधानसभा से विधायक ओमप्रकाश धुर्वे पर भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्याग पत्र दे दिया है। किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने विधायक ओमप्रकाश धुर्वे पर सार्वजनिक स्थान पर गाली गलौज करने, लात जूतों से मारने और आदिवासी एक्ट में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए प्रदेश अध्यक्ष को भी परिवार सहित त्यागपत्र भेजा है।
इस मामले में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। वाट्सएप ग्रुप में चैट से शुरू हुआ विवाद प्रदेश अध्यक्ष तक भी पहुंच गया है। भाजपा राष्ट्रीय मंत्री ने नईदुनिया से चर्चा के दौरान लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने गाली गलौज की और न ही धमकाया है।
यह सब मनगढंत आरोप लगाए जा रहे हैं। इस्तीफा में भाजपा नेता ने उल्लेख किया कि इस तरह से अपमानित होने के बाद पार्टी में रहना मुश्किल हो गया है। इस्तीफा में संबंधित ने विधायक के विरूद्ध कार्यवाही की मांग करते हुए न्याय दिलाने की बात कही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम सोशल मीडिया के माध्यम से वीरेंद्र तिवारी ने जो इस्तीफा भेजा है उसमें उल्लेख किया गया कि वे शहपुरा तहसील की ग्राम पंचायत कंचनपुर माल अंतर्गत डुंडीसरई निवासी हैं। उनका पूरा परिवार पीढियों से भाजपा का सक्रिय सदस्य रहा है।
वीरेंद्र तिवारी ने उल्लेख किया कि दस सितंबर को शाम 5.15 बजे शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने अपने मोबाइल से उन्हें फोन कर जनपद कार्यालय बुलाया। वहां भाजपा के कई नेता और अधिकारी कर्मचारी पहले से मौजूद थे। पीडित ने आरोप लगाया कि पहुंचने पर विधायक द्वारा मां बहन की गाली गलौज कर लात घूंसा से मारने और आदिवासी एक्ट में फंसाने जैसे बुरे बुुरे शब्दों से धमकाया गया।
इस्तीफा में उल्लेख किया गया कि इसी अभद्रता से आहत और दुखी होकर प्राथमिक सदस्या से त्यागपत्र दे रहा हूं। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि अगर उसके साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना घटती है तो उसकी जिम्मेदारी भी तय की जाए। संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही कर न्याय दिलाने की मांग की गई है। इस मामले में
वीरेंद्र तिवारी ने मुख्यमंत्री, जिले की प्रभारी मंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, मंडला सांसद, प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद शर्मा सहित जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग भी की गई है। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इंटरनेट मीडिया में भी आरोप प्रत्यारोप के दौर जारी हैं।
शहपुरा जनपद की ग्राम पंचायत कंचनपुर में लाखों की अनियमितता सामने आई थी। इसकी शिकायत भी लगातार जनसुनवाई सहित अलग अलग स्थानों पर की गई है। जांच के बाद जिम्मेदारों से वसूली भी तय की गई है। बताया गया कि इसी पंचायत को लेकर वाट्सएप ग्रुप में आरोप प्रत्यारोप चल रहे थे। भाजपा विधायक ने जहां इसे अपने विरूद्ध आपत्तिजनक बात लिखना बताया गया, वहीं दूसरे पक्ष का कहना है कि उन्होंने किसी नेता का नाम नहीं लिया है केवल भाजपा नेता का उल्लेख किया गया है। भाजपा नेता में तो कई नेता आते हैं। शहपुरा विधायक द्वारा मीडिया को वाट्सएप ग्रुप चैट भी दी गई है, जिससे उन्हें आपत्ति थी। इस मामले में भाजपा में चल रही गुटबाजी एक बार फिर सामने आ रही है। दो पक्ष आमने सामने हैं। किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी ने बताया कि वे शक्ति केंद्र प्रभारी भी थे। पूरे जीवन भाजपा को समर्पित करने के बाद भी उन्हें इस तरह अपमानित होना पडेगा, यह उन्होंने नहीं सोचा था। विवाद के समय जनपद अध्यक्ष सहित जनपद का स्टाफ भी मौजूद था।
संबंधित व्यक्ति प्रतिदिन वाट्सएप ग्रुपों में मेरे बारे में गंदी गंदी आपत्तिजनक बातें लिखता था। मैंने उसे इसी बात का कारण पूछने के लिए जनपद कार्यालय बुधवार की शाम बुलाया था। उस समय मंडल अध्यक्ष सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता और अन्य अधिकारी कर्मचारी भी मौजूद थे। मैंने यह सामान्य तरीके से पूछा कि तुम ऐसा क्यों आपत्तिजनक बात मेरे बारे में डालते हो। तो वह आनाकानी करने लगा। मैंने उसको आपत्तिजनक पोस्ट का चैट स्क्रीन शाट भी दिखाया। संबंधित व्यक्ति बहुत ही गंदा और भ्रष्ट आदमी है। उसके बाद भी कार्यकर्ता होने के चलते मैं हमेशा उसकी मदद करता था। टेकेश्वर और कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर ये लोग आपत्तिजनक हरकत कर रहे थे। मैंने केवल बुलाकर समझाया है। अगर मैंने गाली गलौज, मारपीट आैर धमकाया होता तो अन्य लोग भी सुने और देखे होते। वहां तो कई लोग मौजूद थे। अगर उसकाे मेरे से आपत्ति थी तो पार्टी के पदाधिकारियों से अपनी बात रखनी चाहिए थी, न कि इस तरह की मनमानी करनी चाहिए थी।
ओमप्रकाश धुर्वे, शहपुरा विधायक।
मैंने विधायक ओमप्रकाश धुर्वे के नाम के साथ कोई भी आपत्तिजनक बात वाट्सएप ग्रुप में नहीं लिखी है। झूठा आरोप लगाकर मुझे जनपद कार्यालय बुलाया गया। दर्जनों लोगों की मौजूदगी में मेरे साथ गाली गलौज करते हुए लात जूते से मारने व आदिवासी एक्ट में फंसाने की धमकी विधायक द्वारा दी गई। मुझे डराया गया। इससे मैं बहुत आहत हुआ हूं। मेरे साथ कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। मैंने प्रदेश अध्यक्ष के साथ जिलाध्यक्ष के नाम से त्याग पत्र पार्टी को भेज दिया है। मैं कल भोपाल भी जा रहा हूं। भोपाल में प्रदेश अध्यक्ष सहित अन्य नेताओं से मिलकर भी मैं इस बात की पोल खोलूंगा।
वीरेंंद्र तिवारी, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा।
मैंने भी त्याग पत्र देने और विवाद होने की जानकारी देखी है। मेरे पास वीरेंद्र तिवारी का नंबर नहीं था। मैं उससे बात करके पूरी जानकारी लेता हूं। दोनों पक्षों से जानकारी लेने के बाद ही इस संबंध में कुछ स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है।
चमरू सिंह नेताम, भाजपा जिलाध्यक्ष डिंडौरी