नईदुनिया प्रतिनिधि, डिंडौरी। डिप्टी कलेक्टर बैद्यनाथ वासनिक और जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते के बीच हुआ विवाद बुधवार को कोतवाली तक पहुंच गया। डिप्टी कलेक्टर ने जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित अन्य पर बिना अनुमति चेंबर में घुसकर अभद्रता करते हुए बंधक बनाने का आरोप लगाया है। राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों और सदस्यों ने डिप्टी कलेक्टर के समर्थन में कलेक्टर नेहा मारव्या को एक ज्ञापन भी दिया।
वहीं, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने स्थानांतरण के नाम पर वसूली करने का आरोप लगाया है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर पर धक्का देकर चेंबर से निकालने का भी आरोप लगाया और थाने में इसकी शिकायत की है। विवाद की जानकारी दोनों पक्षों की ओर से भोपाल तक पहुंचाई जा रही है। गौरतलब है कि डिप्टी कलेक्टर वैद्यनाथ वासनिक के पास सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग का भी प्रभार है। जिले में बड़ी संख्या में शिक्षकों और अधीक्षकों का तबादला किया गया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित कुछ अन्य लोग मेरे चेंबर में बिना अनुमति घुसकर मेरे साथ अभद्रता करने लगे। उन लोगों ने मुझे करीब 20 मिनट तक बंधक बनाकर रखा। शिक्षकों और अधीक्षकों का तबादला शासन के नियमों के अनुसार ही किया गया है।
- बैद्यनाथ वासनिक, डिप्टी कलेक्टर
शिक्षकों और अधीक्षकों के तबादले नियम विरुद्ध जमकर अनियमितताएं की गई हैं। इसे छिपाने के लिए फर्जी शिकायत कर बचने का प्रयास किया है। हम जनप्रतिनिधि हैं। अगर हम इन समस्याओं को नहीं उठाएंगे तो कौन उठाएगा। मैंने किसी तरह से कोई अभद्रता नहीं की है।
- रुदेश परस्ते, अध्यक्ष, जिला पंचायत, डिंडौरी