नईदुनिया प्रतिनिधि, गुना। सरकारी दस्तावेजों में जालसाजी का बड़ा खेल चल रहा है। गुना में लोक सेवा केंद्र ने 30 अक्टूबर 2025 का जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया है। यानी जन्म से पहले ही बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र तैयार है। सीएमएचओ ने ऐसे चार मामले पकड़े हैं, जिसपर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। बमोरी थाने को इसकी लिखित शिकायत भेजी गई है।
सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर से एक व्यक्ति ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी होने की शिकायत की थी। उसने शिकायत के साथ चार प्रमाणपत्र भेजे थे, जिसमें से एक प्रमाण पत्र एक अगस्त 2025 को जारी हुआ था। इसमें रामकृष्ण धाकड़ नाम के बच्चे की जन्मतिथि 30 अक्टूबर 2025 दर्ज है। यानी बच्चे के जन्म से करीब तीन महीने पहले उसका जन्म प्रमाणपत्र बनकर तैयार है। इस प्रमाणपत्र में माता-पिता के तौर पर बमोरी तहसील के सिलावटी गांव निवासी धापी बाई और ब्रजेश धाकड़ का नाम है।
इस प्रमाणपत्र पर जारी करने वाले प्राधिकारी के तौर पर गुना जिला अस्पताल के जन्म-मृत्यु पंजीयक की मुद्रा अंकित है। सीएमएचओ ने गुना जिला अस्पताल में इसकी जांच कराई तो वहां से कहा गया कि यह प्रमाणपत्र उनकी ओर से जारी नहीं किया गया है। प्रमाणपत्र के बार कोड और जिला अस्पताल के कोड में अंतर बताया गया। सामने आया कि यह प्रमाणपत्र बमोरी के ही एक लोक सेवा केंद्र पर बना है।
इन लोक सेवा केंद्रों को योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग से आइडी मिलती है। सीएमएचओ के निर्देश पर जिला अस्पताल के अधीक्षक ने पुलिस को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। जिला योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संयुक्त संचालक सेवाराम रैकवार का कहना है कि ऐसे प्रमाणपत्र उनकी आइडी से कभी जारी नहीं होते।
जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जिला अस्पताल और नगरपालिका को जारी आइडी से प्रमाण पत्र जारी नहीं हुए, तो नोडल विभाग ही मालूम करेगा कि आखिर फर्जी प्रमाण पत्र कहां से जारी हुए हैं। इसके साथ ही पुलिस को भी एफआइआर दर्ज करानी चाहिए। हमने तो नोडल विभाग और पुलिस को आवेदन देकर सूचना दे दी है।
- डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर, सीएमएचओ गुना।