नवदुनिया प्रतिनिधि, गुना। जिले के बमोरी क्षेत्र के मुहाल कालोनी पठार में पांच दिन के भीतर उल्टी दस्त से 65 ग्रामीण पीड़ित हो गए। इनमें से दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। बीमारी फैलने के दो दिन बाद गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डेरा डाला। अब तक 12 ग्रामीण जिला मुख्यालय पर सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती किए गए हैं। बमोरी के अस्पताल में दो मरीज भर्ती हैं। शेष का गांव में ही इलाज चल रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को बीमारी फैलने का पता बीती 25 जून को चला। जब गांव की 75 वर्ष की रामप्यारी सहरिया की हालत बिगड़ी। उन्हें उल्टी-दस्त होने पर गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उपचार दिया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ तो जिला अस्पताल में भर्ती कराया, 25 जून की रात इलाज के दौरान रात 11 बजे रामप्यारी ने दम तोड़ दिया। गांव की दूसरी महिला हर्षाबाई खोत उम्र 55 वर्ष की मौत बीती 23 जून को होना बताया गया है, जिसने अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद महज 15 मिनिट में ही प्राण त्याग दिए।
पीड़ितों में बच्चे, बुजुर्ग, महिला-पुरुष शामिल हैं। शुक्रवार को 17 नए मरीज गांव में मिले। बीमारी फैलने का कारण वर्षा के दौरान ग्रामीणों द्वारा हैंडपंप का दूषित पानी पीना माना जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बिजली न होने से दो दिन तक नलजल योजना के तहत घर-घर में लगे नल नहीं आए। जबकि वर्षा जारी थी। ऐसे में गांव के एकमात्र हैंडपंप से सभी ने पानी पिया था। जबकि हैंडपंप के आसपास गंदगी है, ऐसे में वर्षाजल रिस कर हैंडपंप में गया।
स्वास्थ्य विभाग ने गांव में उल्टी-दस्त से पीड़ित मरीजों को सिर्फ गोली-दवा बांटी, ड्रिप नहीं चढ़ाई। ग्रामीण अपने साधनों से गुना आकर भर्ती हो गए। बीती शाम को 12 मरीज जिला अस्पताल व शहर के निजी अस्पतालों में आकर भर्ती हुए। इनमें से कुछ मरीज आईसीयू में भर्ती है। दो मरीजों का उपचार बमोरी के अस्पताल में भर्ती कर किया गया, जिनमें से एक की छुट्टी कर दी गई है।
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मुहाल कालोनी पठार की करीब 700 की आबादी है। पांच दिन से बीमार हो रहे ग्रामीणों की सुध स्वास्थ्य विभाग ने दो दिन बाद ली। तीन दिन से मामले को दबाया जा रहा था। हालांकि जब ग्रामीण खुद ही गुना आकर अस्पतालों में भर्ती हो गए, तब जाकर मामला उजागर हो सका। प्रभारी सीएमएचओ डॉ. आरआर माथुर भी शुक्रवार शाम को गांव में स्थिति का जायजा लेने पहुंचे।
शुक्रवार को जिला रोग निगरानी अधिकारी सत्येंद्र सिंह रघुवंशी, अशोक सैनी गांव में पहुंचे। उन्होंने आशा और आशा सहयोगनी के माध्यम से घर-घर में क्लोरिन गोली बंटवाई, जिसे ग्रामीणों को एक गोली एक मटके में डालकर दो घंटे बाद पीने की सलाह दी गई। अधिकारियों ने बताया कि गांव से पूरी तरह बीमारी हटने तक क्लोरिन गोली बंटवाएंगे।
सीबीएमओ बमोरी की डॉ. लक्ष्मी कुमार ने बताया कि हैंडपंप के पानी की जांच कराई थी, जिसमें कोई खराबी नहीं पाई है। हो सकता है वर्षा का पानी हैंडपंप में रिसकर गया हो, जिसका सेवन ग्रामीणों ने कर लिया हो। स्वास्थ्य विभाग ने हैंडपंप में ब्लीचिंग पाउडर डलवाया है। अब तक उल्टी-दस्त से पीड़ित 65 मरीज मिले हैं। 25 जून से गांव में बीमारी फैल रही है। एक महिला की मौत जिला अस्पताल में उसी दिन हुई। दूसरी महिला की मौत 23 जून को हुई, जो करंट लगने से पीड़ित थी। दोनों की मौत की जांच करा रहे हैं। अगर स्वास्थ्य टीम समय पर नहीं पहुंचती तो 250-300 ग्रामीण बीमार हो सकते थे।