
नईदुनिया प्रतिनिधि, गुना: MP के गुना जिले में किसानों की खाद की लंबी कतार और कड़कड़ाती ठंड में रात बिताने की स्थिति प्रशासन की दावों की पोल खोल रही है। बमोरी विधानसभा क्षेत्र के बागेरी डबल लाक केंद्र पर खाद की कतार में लगे किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं।

कुशेपुर गांव की आदिवासी महिला भुरिया बाई, उम्र लगभग 45 साल, दो दिन से खाद के लिए लाइन में लगी थीं। दिन में खाद का इंतजार और रात को केंद्र पर सोना उनके लिए सामान्य स्थिति बन गई थी।
बुधवार की देर रात महिला को अचानक उल्टियां होने लगीं। पहले उन्हें बमोरी अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद महिला को गुना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

महिला के स्वजनों ने शव गांव ले जाकर अंतिम संस्कार किया, जिससे कुशेपुर गांव में मातम फैल गया। गुरुवार सुबह एसडीएम शिवानी पांडे, कलेक्टर किशोर कन्याल और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया भी गांव पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया।
यह घटना खाद वितरण में खामियों और किसानों की कठिनाइयों की गंभीर तस्वीर सामने लाती है, जबकि प्रशासन खाद की कमी न होने का दावा करता रहा है।
महिला खाद के लिए बागेरी केंद्र पर थी। गतरात्रि महिला को उल्टियां होने लगी, तो उसे शहर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार महिला को 450 शुगर थी। उसके पति को भी टीबी की बीमारी है। फिलहाल स्वजनों को 5000 रुपये की अंत्येष्टि राशि एवं 10000 रुपये की राशि रेडक्रास से उपलब्ध कराई गई है। वहीं दो लाख रुपये का प्रकरण तैयार किया गया है।
- किशोरकुमार कन्याल, कलेक्टर गुना
प्रशासन भले ही खाद की कमी न होने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत इससे परे है। क्योंकि, बागेरी केंद्र पर अन्नदाता दो से तीन दिन से खाद के लिए कतार में लग रहा है, तो दर्द मौसम में खुले आसमान तले रात भी गुजारने मजबूर है। खाद की कतार में लगी महिला की मौत का जिम्मेदार कौन होगा। खाद वितरण प्रणाली पूरी तरह ध्वस्त है और खाद की कालाबाजारी हो रही है।
- ऋषि अग्रवाल, कांग्रेस विधायक, बमोरी